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प्रधानमंत्री को पत्र लिखना देशद्रोह कैसे हो सकता है : स्टालिन

अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने शनिवार को अश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहिष्णुता और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की मांग करते हुए पत्र लिखना देशद्रोह कैसे हो सकता है।

प्रधानमंत्री को पत्र लिखना देशद्रोह कैसे हो सकता है : स्टालिन
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चेन्नई । द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने अश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहिष्णुता और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की मांग करते हुए पत्र लिखना देशद्रोह कैसे हो सकता है। वह बिहार में एक पुलिस थाने में फिल्मकार मणि रत्नम, अभिनेत्री रेवती और इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित 49 प्रसिद्ध हस्तियों पर दर्ज मामले के संदर्भ में यह बात कह रहे थे। इन लोगों ने देश में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।

स्टालिन ने प्रश्न किया, "धर्म निरपेक्षता और सहिष्णुता कायम रखने के लिए कहना देशद्रोह कैसे हो गया?"

द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन को गुहा, रेवती, मणि रत्नम और अन्य को देशद्रोही कहना स्वीकार्य नहीं है।

प्राथमिकी की निंदा करते हुए स्टालिन ने कहा कि यह लोगों के मन में डर और संदेह पैदा करेगा कि क्या वे लोकतांत्रिक देश में रहते हैं।


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