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पीएफआई ने कैसे पूरे देश में फैलाया अपना नेटवर्क

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को देशभर के 10 राज्यों में पीएफआई से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की

पीएफआई ने कैसे पूरे देश में फैलाया अपना नेटवर्क
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को देशभर के 10 राज्यों में पीएफआई से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की। पुलिस ने पीएफआई के 100 से अधिक शीर्ष नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को पता चला है कि पीएफआई युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए प्रशिक्षण देने के अलावा टेरर फंडिंग में भी शामिल है।

एक सूत्र ने कहा, "हमने आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, हथियारों के साथ 10 लाख रुपये की नकदी जब्त की है। हमें पता चला है कि शिविर आयोजित किए गए थे, जहां देश में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची गई थी।"

क्या है पीएफआई?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना 2006 में केरल में हुई थी। पीएफआई के चेयरमैन ई. अबूबकर भी केरल के रहने वाले हैं। संगठन ने अपना मुख्यालय कोझीकोड में स्थापित किया था, जिसे बाद में बदलकर दिल्ली कर दिया गया। पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव नसरुद्दीन एलाराम भी संगठन के संस्थापक सदस्य हैं।

कई कट्टरपंथी समूह, जो दक्षिण भारत में सक्रिय थे, एक समूह बनाना चाहते थे। इन अति-कट्टरपंथी समूहों ने एक ही मंच पर आने का फैसला किया।

अधिकारी ने कहा, "केरल का राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी ने अपने अलग-अलग संगठनों को खत्म करने के बाद पीएफआई का गठन किया था।"

सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई ने अब अपना नेटवर्क देशभर के दो दर्जन राज्यों में फैला लिया है।

सूत्रों ने कहा कि पीएफआई ने मुस्लिम अधिकारों के लिए लड़ने के नाम पर कई मुस्लिम युवाओं का विश्वास जीता, जो विभिन्न क्षमताओं में संगठन में शामिल हुए थे। इसने तेजी से विभिन्न राज्यों में कार्यालय खोलना शुरू कर दिया।

पीएफआई ने विदेशों में भी अपना जाल फैला रखा है। एजेंसियों को पता चला है कि पीएफआई को दान के नाम पर मुस्लिम देशों से फंड मिलता है। जबकि पीएफआई के सदस्यों का दावा है कि वे इन फंडों का इस्तेमाल मुसलमानों और दलितों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए करते हैं। एजेंसियों ने पाया है कि वे इन फंडों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं।

एजेंसियों की कार्रवाई

केंद्रीय एजेंसियों एनआईए और ईडी ने गुरुवार को असम, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु और राजस्थान सहित 11 राज्यों में छापे मारे और 100 से अधिक संदिग्ध पीएफआई कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक सूत्र ने कहा, "बीस व्यक्तियों को कर्नाटक और महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया, उसके बाद तमिलनाडु (10), असम (9), उत्तर प्रदेश (8), आंध्र प्रदेश (5), मध्य प्रदेश (4), पुद्दुचेरी (3) और राजस्थान (2)।

आगे क्या?

सूत्रों ने दावा किया है कि केंद्र ने आतंकी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसी को लेकर गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक हुई।


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