Top
Begin typing your search above and press return to search.

संवेदना जताने की औपचारिकता कब तक निभायेंगे योगी: अखिलेश

अखिलेश यादव - समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदना प्रकट करने की औपचारिकता से कब तक काम चलाएंगे।

संवेदना जताने की औपचारिकता कब तक निभायेंगे योगी: अखिलेश
X

लखनऊ। औरैया, झांसी और उन्नाव में शनिवार को हुये हादसों में प्रवासी श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदना प्रकट करने की औपचारिकता से कब तक काम चलाएंगे।

श्री यादव ने कहा कि कहा कि आपदा के समय अपने भाग्य पर छोड़ दिए गए मजदूर अपने परिवार की महिलाओं और मासूम बच्चों के साथ दर्दनाक हालत से गुजर रहे हैं। हजारों मील चलने से श्रमिकों के पैरों में छाले पड़ गए हैं, भोजन के भी लाले हैं। मासूम बच्चें धूप और भूख में तड़प रहे हैं। दम तोड़ते इंसानों के प्रति उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन की इंसानियत भी मर चुकी है।

उन्होने कहा कि ट्रकों में लाचार मजदूर ठसाठस भरें है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कि कोई ट्रकों पर नहीं चलेगा से पुलिस को अन्याय करने का, ठोकने का परमिट मिल गया है। सरकार ने दस हजार से ज्यादा रोडवेज बसों द्वारा सुरक्षित और सम्मान जनक तरीके से मजदूरों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने में देरी क्यों की है। झांसी में मध्यप्रदेश सीमा पर 10 किलोमीटर जाम में मजदूरों के वाहन फंसे है। मजदूर बसों में बैठने को तैयार नहीं है। हजारों मजदूरों को सड़क पर रोके रखना क्या मानवीय है।

श्री यादव ने कहा कि झांसी में ही आज पति-पत्नी श्रमिक पैदल पहुंचते ही गर्भवती पत्नी को बच्चा पैदा हुआ जो मर गया उसी में पत्नी की भी मौत हो गयी। बाद में सदमें के कारण पति की मौत हो गयी। ऐसा ही एक हादसा उन्नाव में लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुआ जब आटो रिक्शा से बिहार जा रहे दंपत्ति की सड़क हादसे में मृत्यु हो गयी। औरैया में सड़क हादसे में 24 से ज्यादा गरीब प्रवासी मजदूरों की मौत दिल दहला देने वाली घटना है। दो ट्रकों की भिड़ंत में लाशें बिछ गईं लेकिन औरैया में थानाध्यक्ष ने कफन का इंतजाम न कर शर्मनाक काम किया है। मुख्यमंत्री संवेदना प्रकट करने की औपचारिकता से कब तक काम चलाएंगे।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी दुःख की इस घड़ी में मजदूरों के साथ है। उनकी पार्टी प्रदेश के प्रत्येक मृतक परिवार को एक लाख रूपए की मदद पहुंचाएगीं। हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा सरकार को मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रूपए की आर्थिक मदद करनी चाहिए। अपनी रोजी-रोटी गंवाकर बेबसी और बदहाली में सिसकते हुए गरीबों की जान भी भाजपा सरकार में सस्ती हो गई है। इनकी जान बचाने में भाजपा सरकार नाकाम हैं। क्वारंटीन सेंटर गोण्डा में सांप काटने से मौत पर व्यक्ति के परिजन को एक लाख की समाजवादी पार्टी द्वारा सहायत दी गयी है।

मुख्यमंत्री की अक्षमता के कारण अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। सड़कों पर श्रमिकों की भीड़ है। सरकारी बसों में भी उनसे वसूली हो रही है। कानपुर के काकादेव क्षेत्र में भूख से बिलबिलाते बच्चे को देखकर एक व्यक्ति ने फांसी लगा ली। राहत कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर नाम मात्र की कार्यवाही हो रही है।

यह भी एक और अमानवीय कृत्य पुलिस का है। बरेली में फलों का ठेला से उठाकर 12 वर्ष के एक बच्चे को पुलिस ने डंडों से इतना मारा कि वह लहूलुहान हो गया, उसका हाथ भी टूट गया। इस बेरहम सरकार में पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री का रवैया इतना नकारात्मक है कि उन्हें लोकतंत्र में सकारात्मक सुझाव सुनना भी गवांरा नहीं है। समाजवादी पार्टी ने शुरू से ही अपनी विपक्षी जिम्मेदारी निभाते हुए तमाम समस्याओं के समाधान के सुझाव दिए लेकिन सरकार अपनी प्रशासनिक जड़ता से उबर नहीं पायी है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it