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शिक्षक कमजोर वर्ग के बच्चों को कैसे संभालें, दिल्ली सरकार देगी विशेष प्रशिक्षण

दिल्ली के स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्लयूएस) के बच्चों के लिए दाखिले को सरल बनाने के बावजूद इस वर्ष कुछ दिक्कतें रही हैं

शिक्षक कमजोर वर्ग के बच्चों को कैसे संभालें, दिल्ली सरकार देगी विशेष प्रशिक्षण
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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्लयूएस) के बच्चों के लिए दाखिले को सरल बनाने के बावजूद इस वर्ष कुछ दिक्कतें रही हैं। इसे ठीक किया जाएगा, लेकिन अब आसानी से दाखिले हो रहे हैं, सब सही हो गया है ऐसा नहीं है लेकिन सुधार किया जा रहा है। यह स्वीकार करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में इस वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के दौरान उन्हें सामाजिक दिक्कतें होती हैं, उनके माता पिता अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं, वे पढ़ नहीं पाते।

जबकि दूसरी ओर ऐसे बच्चे हैं जिनके अभिभावक पढ़े-लिखे हैं व उन बच्चों को पढ़ाते भी हैं। अब ऐसे आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार के बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों के प्रधानाचार्यों की विशेष ट्रेनिंग दिल्ली सरकार कराएगी। शिक्षकों को भी इस बाबत प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों से बाहर बच्चों के सही आंकड़ों के लिए कई सर्वे हुए हैं, डोर टू डोर सर्वे करना है कि कितने बच्चे कहां स्कूल पढऩे जा रहे हैं, कितने घर पर बैठे हैं। इन आंकड़ों को जुटाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी। चूंकि ये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मोहल्ला स्तर पर सक्रिय रहती हैं उन्हें इसके लिए अतिरिक्त पैसा भी दिया जाएगा। इन बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए कम्युनिटी स्वयंसेवक होंगे एजुकेशन बीट अफसर रखेंगे, वे सरकार को बताएंगे कि उनके यहां इतने बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं।

श्री सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में सरकार व निगम के कुल करीबन 2600 स्कूल हैं और इन स्कूलों इतने ही स्वयंसेवक होंगे। इन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह बच्चे को स्कूल तक लेकर आएं। उन्होंने बताया कि इस बाबत आज निगम के शिक्षा अधिकारियों से बैठक हुई है और वह इस योजना पर सहमत हैं। दिल्ली सरकार ने चुनौती अभियान चलाया था जिसमें सरकारी स्कूल के बच्चे जो अभी तक पढ़ नहीं पाते थे उन्हें अब प्राइमरी स्तर ही पढ़ाया जाएगा। बता दें कि दिल्ली सरकार के 150 स्कूलों में प्राइमरी की शिक्षा व्यवस्था है जबकि नगर निगम के स्कूल पांचवीं कक्षा तक हैं। तय हुआ है कि सरकार व निगम दोनों इस अभियान में भी साथ साथ चलेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों के रखरखाव आदि के पैमाने तय कर उन्हें श्रेणीबद्घ भी किया जाएगा।

श्री सिसोदिया ने बताया किइस बाबत सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद राज्य शिक्षा परिषद में फैसले किए गए हैं।


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