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हुड्डा-वाड्रा के खिलाफ आरोप झूठे और बनावटी : कांग्रेस

कांग्रेस ने हुड्डा और सोनिया के दामाद वाड्रा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को ‘झूठा’ और ‘बनावटी’ करार देत हुए कहा कि यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों से ध्यान भटकाने की कोशिश है

हुड्डा-वाड्रा के खिलाफ आरोप झूठे और बनावटी : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और उद्योगपति एवं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों को ‘झूठा’ और ‘बनावटी’ करार देते हुए रविवार को कहा कि यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां एक बयान जारी करके कहा, “सभी आरोप (श्री हुड्डा और श्री वाड्रा के खिलाफ लगाये गये) झूठे और बनावटी हैं। यह मोदी सरकार के दौरान राफेल सौदे में हुए भ्रष्टाचार, नोटबंदी घोटाला, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये की लूट, प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार का सृजन करने में विफलता, तेजी से गिरता रुपया और उसी गति से नीचे आती अर्थव्यवस्था तथा प्रशासनिक विफलता से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा रही है।”

श्री हुड्डा और श्री वाड्रा के खिलाफ प्राथमिकी को श्री सुरजेवाला ने चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और आम चुनाव में सत्ता खो देने की आशंका से भयभीत हरियाणा की मनोहर लाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की घबराहट में की गयी प्रतिक्रिया करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार का यह दुष्प्रचार कभी सफल नहीं होगा।

श्री सुरजेवाला ने कहा, “ श्री वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 में गुरुग्राम के सेक्टर 83 स्थित शिकोहपुर गांव में 7.95 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी और इसका पूरा ब्यौरा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। इसमें कुछ भी छिपा हुआ नहीं है। बाद में लाइसेंस हासिल करने की सरकारी नीति के तहत 2.5 एकड़ जमीन के लिए 7.43 करोड़ रुपये में वाणिज्यिक लाइसेंस मिला। इसके अलावा कुछ अन्य खर्चे मिलाकर जमीन लेने का पूरा खर्च 16.11 करोड़ रुपये पड़ा।”

उन्होंने कहा, “कंपनी ने लगभग पांच वर्ष बाद 2012 में यह जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेची और इस पर भी आठ करोड़ रुपये का कर चुकाया। इस तरह जमीन की खरीद पर सरकार को वैधानिक तौर पर 24.11 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं। यहां तक कि अगर किसी तरह के कानून का उल्लंघन किया गया तो अब तक इसका लाइसेंस रद्द हो जाना चाहिए जो अब तक नहीं किया गया है।”

गौरतलब है कि श्री वाड्रा और श्री हुड्डा के खिलाफ शनिवार को गुरुग्राम में जमीन सौदों में अनियमितता बरतने के आरोप में मामला दर्ज किया गया।

प्राथमिकी में बताया गया है कि श्री वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने गुरुग्राम के सेक्टर 83, शिकोहपुर, सिंकदरपुर, खेडकी दौला और सीही में 7.5 करोड़ की जमीनें खरीदी और इनके वर्गीकरण में बदलाव के बाद इन्हें 55 करोड़ रुपये में बेच दिया।

श्री वाड्रा ने प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कल कहा था कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा, “चुनाव का दौर शुरु हो गया है, तेल की कीमतें बढ़ रही हैं इसलिए जनता के असली मुद्दों से भटका कर मेरे एक दशक पुराने मुद्दे को उठाया जा रहा है। इसमें नया क्या है?”


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