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हांगकांग का विवादित प्रत्यर्पण विधेयक अस्थायी रूप से स्थगित, प्रदर्शन जारी

हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को अस्थायी रूप से स्थगित करने के फैसले के बावजूद गत एक सप्ताह से इसका पुरजोर विरोध कर प्रदर्शनकारियों ने अपने कदम पीछे नहीं लिये हैं

हांगकांग का विवादित प्रत्यर्पण विधेयक अस्थायी रूप से स्थगित, प्रदर्शन जारी
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हांगकांग । हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को अस्थायी रूप से स्थगित करने के फैसले के बावजूद गत एक सप्ताह से इसका पुरजोर विरोध कर प्रदर्शनकारियों ने अपने कदम पीछे नहीं लिये हैं और इसे पूरी तरह निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

हांगकांग में एक विवादास्पद प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर कुछ ही दिन पहले प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई अभूतपूर्व झड़पों के बाद सरकार के अपने रूख में बदलाव करने के बावजूद शहर में आज एक और विशाल रैली होने वाली है।
इस बीच, बीजिंग समर्थक हांगकांग की मुख्य प्रशासक कैरी लाम ने शनिवार को कहा कि चीन को प्रत्यर्पण की अनुमति देने वाला ‘विभाजक’ विधेयक निलंबित रहेगा। प्रदर्शन का आह्वान करने वालों को बड़ी संख्या में लोगों के उमड़ने की उम्मीद है।

उन्होंने हांगकांग की मुख्य प्रशासक कैरी लाम पर दबाव बनाए रखने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा है कि सुश्री लाम ने लोगों का मिजाज भांपने में गलती की।
रविवार दोपहर प्रदर्शनकारी एक पार्क से लेकर शहर की संसद तक मार्च करेंगे। प्रदर्शनों को लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि इससे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय राजधानी की एक सुरक्षित कारोबार केंद्र की छवि को नुकसान पहुंचेगा।

गौरतलब है कि हफ्ते की शुरूआत में हुए हांगकांग में प्रदर्शन 1997 के बाद के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन थे। हांगकांग को 1997 में चीन को सौंपे जाने के दौरान यहां हजारों लोगों ने प्रदर्शन किए थे।

बुधवार को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और रबड़ की गोलियां चलाई थीं। सुश्री लाम पर इस विवादास्पद विधेयक को रोकने के लिए अपने राजनीतिक सहयोगियों और सलाहकारों का भी दबाव पड़ रहा था। सुश्री लाम ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, “सरकार ने विधेयक में संशोधन संबंधी प्रक्रिया को स्थगित करने, समाज के सभी तबकों के साथ बातचीत की प्रक्रिया फिर से शुरू करने, और इस सिलसिले में अधिक कार्य करने तथा समाज के विभिन्न विचारों को सुनने का फैसला लिया है।” उन्होंने कहा, “‘इस कार्य के लिए कोई समय सीमा तय करने का हमारा कोई इरादा नहीं है और हम अगला कदम उठाने का फैसला करने से पहले सुरक्षा मामलों पर विधायी परिषद के सदस्यों के साथ मशविरा करने का वादा करते हैं।”


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