परिषद् के उद्यानों, विद्यालयों व नर्सरियों में लगेंगे शहद के छत्ते
शहद उत्पादन स्वरोजगार के विभिन्न माध्यमों में शामिल है
नई दिल्ली। शहद उत्पादन स्वरोजगार के विभिन्न माध्यमों में शामिल है। इसका इस्तेमाल प्राचीनकाल से ही घरेलू नुस्खों, खान-पान और आर्युवैदिक औषधियों में किया जाता रहा है। साथ ही यह ग्रामीण किसानों के लिए धनोपार्जन का महत्वपूर्ण स्रोत भी रहा है।
उक्त बातें नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने विश्व शहद दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित शहद मिशन कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस अवसर पर हेवलेक स्कवेयर, गोल मार्किट स्थित परिषद् के विद्यालय में शहद के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। लेखी ने कहा कि शहद मिशन का लक्ष्य लोगों में शहद उत्पादन और इसके प्रयोग को बढ़ावा देना है, जिससे यह स्वरोजगार का एक सशक्त माध्यम बनकर देश में आर्थिक स्रोत के रूप में लोकप्रिय हो सके। उन्होंने कहा कि शहद जहां मानव के लिए अनेक प्रकार से उपयोगी है।
वहीं, प्रकृति की जैव-विविधता और पारिस्थितिक सन्तुलन के लिए भी जरुरी है। इस दौरान एनडीएमसी विद्यालय के 1000 बच्चों को शहद भरी शीशियां (15 ग्राम) वितरित की गई। उधर, एनडीएमसी के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया कि शहद उत्पादन के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से परिषद् के उद्यानों, विद्यालयों और नर्सरियों में शहद के छत्ते लगाए जाएगें। वहीं, आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि शहद मिशन के अन्तर्गत इस वर्ष 10 हजार बच्चों को शहद की शीशियां वितरित जाएंगी। साथ ही बच्चों और समाज को शहद के उपयोगी गुणों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। इस जागरूकता अभियान में संगोष्ठियॉं, प्रदर्शनियॉं और अन्य प्रचार साधनों का उपयोग किया जाएगा। इस वर्ष 15 लाख टन शहद का उत्पादन होने की संभावना है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया कि देश की राजधानी का नई दिल्ली क्षेत्र अपनी 48 प्रतिशत हरियाली से स्मृद्ध है, जिसे और उन्नत किये जाने कि दिशा में इस बरसाती मौसम में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिषद् के उद्यानों, विद्यालयों और नर्सरियों में शहद उत्पादन के लिए शहद के छत्ते खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से लगाए जाएगें। इससे पूर्व सुबह-सुबह ही नेहरू पार्क में पौधारोपण किया गया। जहां दो हजार स्कूली बच्चों ने परिषद् के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य और सुबह की सैर करने वाले लोगों के साथ मिलकर हजारों पौधे लगाए।


