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एसआईटी को गृह मंत्रालय ने टाइटलर के खिलाफ नए सबूत भेजे

जगदीश टाइटलर के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) द्वारा जमा कराए गए नए सबूतों को न्यायमूर्ति एस.एन. ढींगरा की अध्यक्षता वाली एसआईटी को भेज दिया है।

एसआईटी को गृह मंत्रालय ने टाइटलर के खिलाफ नए सबूत भेजे
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) द्वारा जमा कराए गए नए सबूतों को न्यायमूर्ति एस.एन. ढींगरा की अध्यक्षता वाली एसआईटी को भेज दिया है।

एसआईटी दंगों के मामले की जांच कर रही है। शुक्रवार को मंत्रालय ने न्यायमूर्ति ढींगरा को लिखे एक पत्र में कहा है कि उन्हें डीएसजीएमसी से एक शिकायत प्राप्त हुई है, जो नए सबूतों से संबंधित है। नए सबूतों में एक सीडी है, जिसमें टाइटलर का एक टीवी साक्षात्कार है, जो उन्होंने न्यूज 18 को दिया है और उसमें नानावटी आयोग की रपट भी शामिल है।

पत्र में कहा गया है, "इसमें नए सबूतों, नए तथ्यों और हालातों और मामले में नए खुलासे के बारे में जानकारी दी गई है, साक्षात्कार में (कांग्रेस नेताओं) जगदीश टाइटलर, कमलनाथ, एच.के.एल. भगत और सज्जन कुमार के शामिल होने का संदर्भ भी दिया गया है।"

गृह मंत्रालय का यह कदम डीएसजीएमसी अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके द्वारा सोमवार को एक वीडियो जारी करने के बाद आया है। वीडियो 2011 के तथाकथित स्टिंग ऑपरेशन का है, जिसमें टाइटलर कुछ लोगों के साथ बात करते हुए नजर आ रहे हैं।

पत्र में यह भी कहा गया है कि जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी द्वारा आगे की जांच के लिए 186 मामलों में से कुछ के साथ यह संबंधित सामग्री अहम सबूत हो सकती है।

पत्र में कहा गया है, "इसलिए एसआईटी से अनुरोध किया जाता है कि मामले की आगे की जांच से पहले वह पत्र में उठाए गए मुद्दे और सीडी में मुहैया कराई गई सामग्री की जांच करे।"

11 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने 1984 सिख दंगों के संबंध में 186 मामलों की जांच के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया था।

शुक्रवार को पार्टी सचिव आर.पी. सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिख नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राजनाथ सिंह से मिला और टाइटलर पर तुरंत अभियोग की मांग की।

भाजपा नेताओं द्वारा जमा कराए गए ज्ञापन में कहा गया है कि वीडियो में टाइटलर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान सैकड़ों सिखों के नरसंहार में शामिल होने की बात को कबूलते हुए देखा जा सकता है। इसलिए टाइटलर की भूमिका की जांच दोबारा से होना चाहिए।


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