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ब्राजील के मूलनिवासियों के हक में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संरक्षित इलाकों की पैतृक जमीनों पर मूल निवासियों के हक को बनाए रखने का फैसला दिया है. मूल निवासी अधिकार कार्यकर्ताओं और पर्यावरण के लिए काम करने वालों ने इसे उनकी बड़ी जीत माना है.

ब्राजील के मूलनिवासियों के हक में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
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अदालत का फैसला आते ही ब्रासिलिया की अदालत के सामने पंखों वाले मुकुट और शरीर को रंगीन आकृतियों से सजाने वाले मूल निवासियों का दल जश्न में नाच उठा. 11 जजों की बेंच में छठे जज जस्टिस लुइज फुक्स के इस मामले में मूल निवासियों के पक्ष में फैसला देने के बाद स्थिति साफ हुई और जश्न शुरू हुआ. जजों ने एक के बाद एक इस मामले में वोट दिया. आखिरी वोट गिरने के बाद पता चला कि मूल निवासियों के पक्ष में 9-2 की बहुमत से फैसला हुआ है.

'टाइम फ्रेम आर्ग्यूमेंट'

सरकार की मूलनिवासी मामलों से जुड़ी एजेंसी, एफयूएएआई की प्रमुख जोनिया वापिचाना ने कहा, "न्याय मूल निवासियों के पक्ष में है. आज का दिन 'टाइम फ्रेम आर्ग्यूमेंट' की मौत पर जश्न मनाने का है." इस मामले के केंद्र में रहे तथाकथित 'टाइम फ्रेम आर्ग्यूमेंट' में यह प्रावधान है कि मूल निवासियों को संरक्षित इलाकों में उन जमीनों पर हक नहीं मिलना चाहिए जिस पर वो 1988 में नहीं थे. इसी साल देश के मौजूदा संविधान को मंजूर किया गया. ब्राजील के संविधान में मूल निवासियों के अधिकारों के लेकर इस तरह की किसी समयसीमा का जिक्र नहीं है.

पर्यावरण संरक्षण के लिए लड़ते मूलनिवासी समुदाय

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि यह प्रावधान उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है. उनका कहना है कि बहुत से मूलनिवासी समूहों को बीते दशकों में उनकी पैतृक जमीनें छोड़ने पर मजबूर किया गया. इनमें ब्राजील में 1960 से लेकल 1980 के दशक की तानाशाही का दौर भी शामिल है.

मूल निवासियों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने इसे "सदी का मुकदमा" कहा है. ब्राजील के दक्षिणपंथी पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो कृषि उद्योग के साथ रहे हैं. उनके शासनकाल में अमेजन के जंगलों का एक बहुत बड़ा हिस्सा साफ हो गया. एक दशक के पहले की तुलना में जंगलों की कटाई 75 फीसदी बढ़ गई. पर्यावरण को इससे काफी नुकसान होने की बात कही जाती रही है. विवादित 'टाइम फ्रेम आर्ग्यूमेंट' वही ले कर आए थे. जिन दो जजों ने इसके पक्ष में वोट दिया उनकी नियुक्ती भी बोल्सोनारो ने ही की थी.

ब्राजील में 13 साल में दोगुने हुए मूल निवासी लेकिन कैसे?

सरकार बदली तो बदले हालात

वामपंथी राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा बोलसोनारो को पिछले साल चुनाव में हरा कर सत्ता में लौटे हैं. जनवरी में सत्ता पर काबिज होने के बाद उन्होंने मूलनिवासियों के आरक्षणों को बहाल कर दिया. फिलहाल ब्राजील की कुल भूमिका 11.6 फीसदी हिस्सा मूलनिवासियों की जमीन है. इसके साथ ही पहली बार ब्राजील में मूलनिवासी मामलों का मंत्रालय भी बनाया गया है. ब्राजील में 700 से ज्यादा जमीन के टुकड़ों को मूलनिवासियों की जमीन माना जाता है. हालांकि इनमें से करीब एक तिहाई को आधिकारिक रूप से यह दर्जा नहीं मिला है.


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