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अपने सिद्धांतों की निकाली शवयात्रा, तानाशाह, झांसेबाज, झूठे हैं केजरीवाल : योगानंद शास्त्री

दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने आज अरविंद केजरीवाल सरकार को विफल बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने सिद्घांतों की शवयात्रा खुद ही निकाली है, जिसके लिए केजरीवाल जिम्मेदार हैं

अपने सिद्धांतों की निकाली शवयात्रा, तानाशाह, झांसेबाज, झूठे हैं केजरीवाल : योगानंद शास्त्री
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने आज अरविंद केजरीवाल सरकार को विफल बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने सिद्घांतों की शवयात्रा खुद ही निकाली है, जिसके लिए केजरीवाल जिम्मेदार हैं। एक शब्द में कहें तो उन्होंने दिल्ली को झांसा दिया था, कई वादे किए लेकिन सिवाए धोखे के कुछ नही किया है व 3 साल पूरे होने पर अब वे नए शिगूफे छोड़ रहे हैं उनकी करनी, कथनी में बड़ा फर्क है। लोकपाल को पारित घोषित किया वे उन भावनाओ से बिल्कुल विपरीत है जो उन्होंने पार्टी बनाने से पहले रखा था। केजरीवाल की तानाशाही अपने आप में अजूबा है।

योगानंद शास्त्री ने कहा कि दिल्ली व अपनों योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण सभी को दरकिनार किया गया जबकि भूषण परिवार ने केजरीवाल की हर संभव मदद की। एडमिरल रामदॉस भी इसी सूची में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने शराब मुक्ति के लिए वादे किए थे लेकिन शराब अब और ज्यादा बिकने लगी है। भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे, सत्येंद्र जैन के खिलाफ आजतक एक शब्द भी नही बोला व मोहल्ला सभा अभी तक नहीं बनी। न गाड़ी लेंगे न बंग्ला लेंगे ऐसी बातें कहीं। जिस मकान में वे रहते हैं उसमें कितने एसी हैं सभी को मालूम है सरकारी संपत्ति की लूट हो रही है। पुरानी सरकारों से भी ज्यादा सरकारी पैसा इस्तेमाल हो रहा है। देहात में लोगों को फसलों का मुआवजा नहीं मिला, शीला दीक्षित के समय किसानों को मदद मिली। लेकिन अब चुनकर कुछ ही लोगो को मुआवजा किया है। केजरीवाल भाजपा की बी टीम है जिनका मकसद राजनीति और सत्ता है।

उन्होंने कहा कि जैसे मोदी प्रधानमंत्री भूल जाते हैं कि वे पीएम हैं वैसे ही केजरीवाल का हाल है, पीछे भूल आगे भाग जैसा हाल है। आप के 500 वालंटियर्स को नौकरी जिसके लिए कोई इंटरव्यू, प्रक्रिया फॉलो नहीं की। केजरीवाल खुद को संविधान से ऊपर मानते हैं। विज्ञापन पर बहुत अधिक खर्चा किया जा रहा है शीला सरकार ने ऐसा कभी नही किया जबकि 97 करोड़ के खर्च सामने आए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में दिल्ली में कांग्रेस थी लेकिन विकास हुआ। केजरीवाल केंद्र से पंगा लेते हैं तो विकास कैसे होगा। कोई भी उपराज्यपाल आए इनके संबंध बिगड़े। कांग्रेस शासनकाल में भी उपराज्यपाल थे लेकिन तनाव नहीं हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की आम आदमी पार्टी की पोल खोल अभियान के तहत पूर्व मंत्री डा. योगानन्द शास्त्री ने आप सरकार की विचाराधारा, ईमानदारी पर जमकर प्रहार किए।


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