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भारत आएंगे ड्रग लॉर्ड पाब्लो के हिप्पो

दुनिया के सबसे ताकतवर ड्रग्स माफिया रहे पाब्लो एस्कोबार ने अफ्रीका से चार हिप्पो भी कोलंबिया पहुंचा दिए. अब इन दरियाई घोड़ों के बच्चों को भारत और मेक्सिको भेजने की तैयारी हो रही है.

भारत आएंगे ड्रग लॉर्ड पाब्लो के हिप्पो
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1980 के पूरे दशक और 1990 के दशक की शुरुआत में इंटरपोल की लिस्ट में एक नाम सबसे ऊपर था. यह था कोलंबिया के ड्रग लॉर्ड पाब्लो एस्कोबार का. किशोरावस्था में ही फर्जी डिप्लोमा बेचने और म्यूजिक प्लेयरों की तस्करी करने से पाब्लो एस्कोबार ने अपराध की दुनिया में कदम रखा. फिर कारें चुराना शुरू किया.

पाब्लो का किंगडम

इस दौरान 1974 में 25 साल की उम्र में पाब्लो पहली बार जेल गया. जेल में उसकी दोस्ती ड्रग्स बेचने वालों से हुई. जेल से निकलने के बाद पाब्लो अगले 20 साल तक दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग्स माफिया बन गया.

कोलंबिया, पेरू, इक्वाडोर और बोलिविया में पाब्लो ने कोकेन के प्रोडक्शन, ट्रांसपोर्ट और सेल का तगड़ा नेटवर्क बना लिया. 1985 आते आते पाब्लो 25 अरब डॉलर का मालिक था. कोलंबिया में 7000 एकड़ में उसका निजी स्टेट था. जहां फुटबॉल स्टेडियम, डायनासोर पार्क, वाइल्डलाफ पार्क, कृत्रिम झीलें, बुलफाइटिंग एरेना, टेनिस कोर्ट और एक हवाई पट्टी थी. पाब्लो को 7,000 एकड़ की इस स्टेट में दुनिया के सारे आनंद लेना चाहता था.

कोलंबिया में फैले पाब्लो के हिप्पो

1980 के दशक में पाब्लो ने अपने वाइल्डलाइफ पार्क के लिए अफ्रीका से चार हिप्पो यानि दरियाई घोड़े भी स्मगल किए. वक्त बीतने के साथ दरियाई घोड़ों की संख्या लगातार बढ़ती गई. दिसंबर 1993 में एक स्पेशल ऑपरेशन में पाब्लो की मौत हो गई. इसके बाद कई दरियाई घोड़े नए इलाके की तलाश में पाब्लो की स्टेट से बाहर चले गए.

कोलंबिया के अधिकारियों के मुताबिक आज पाब्लो की स्टेट से लेकर राजधानी बोगोटा के बीच करीब 130 हिप्पो हैं. दरियाई घोड़ों की ये आबादी माग्दालेना नदी के आस पास 200 किलोमीटर लंबे इलाके में फैली है. अधिकारियों का अनुमान है कि आने वाले बरसों में यह संख्या 400 तक पहुंच सकती है.

हिप्पो से परेशान कोलंबिया

तीन टन तक भारी और पानी व जमीन पर रहने वाले ये जीव मूल रूप से अफ्रीकी महाद्वीप के निवासी हैं. कोलंबिया में हिप्पो की बढ़ती संख्या देख सरकार ने उन्हें घुसपैठिया प्रजाति करार दिया है. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स के मुताबिक नए इलाके में फैलते हिप्पो, कई मूल वन्य जीवों का आवास तबाह कर रहे हैं. अब कई दरियाई घोड़ों को दूसरे देशों में भेजने की तैयारी है.

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60 दरियाई घोड़ों को गुजरात के ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम में पहुंचाया जाएगा. कोलंबियाई अधिकारी दे लोस रियोस मोरालेस के मुताबिक शिंपिंग और एयरलिफ्टिंग का खर्च भारतीय रेस्क्यू सेंटर ही उठाएगा. 10 दरियाई घोड़ों को मेक्सिको के चिड़ियाघरों और वाइल्डलाइफ सेंचुएरी में भेजा जाएगा.

कोलंबियाई अधिकारियों के मुताबिक इक्वाडोर, फिलीपींस और बोत्स्वाना के अधिकारियों ने भी इन दरियाई घोड़ों को अपने देश में बसाने की इच्छा जताई है.


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