Top
Begin typing your search above and press return to search.

हिंदुत्व की राजनीति देश के वैश्विक शक्ति बनने की राह में बाधा: जगदीश केहर

 अयोध्या विवाद के हल के लिए मध्यस्थता की पेशकश करने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने एक बार फिर इस विवाद के शांतिपूर्ण निपटारे पर बल देते हुए कहा है

हिंदुत्व की राजनीति देश के वैश्विक शक्ति बनने की राह में बाधा: जगदीश केहर
X

नयी दिल्ली। अयोध्या विवाद के हल के लिए मध्यस्थता की पेशकश करने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने एक बार फिर इस विवाद के शांतिपूर्ण निपटारे पर बल देते हुए कहा है कि हिंदुत्व की राजनीति देश के वैश्विक शक्ति बनने की राह में बाधा हो सकती है।

न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि 1947 में विभाजन के दौरान हिन्दुओं और मुसलमानों ने भीषण हिंसा का दंश झेला था। आजादी के बाद भारत जहां धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना, वहीं पाकिस्तान ने इस्लामिक देश बनने का रास्ता चुना था। उन्होंने कहा, “भारत के पूर्व नेताओं ने यह सुनिश्चित किया था कि देश में पूर्ण धर्मनिरपेक्षता हो, लेकिन अब हम एक बार फिर इसे भूलने लगे हैं और ‘जैसे को तैसा’ की राह पर बढ़ चले हैं।”
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर कल देर शाम यहां नेहरू संग्रहालय में आयोजित 24वें स्मृति व्याख्यानमाला में उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक शक्ति बनने की आकांक्षा रखता है।

वैश्विक परिदृश्य में अगर आप मुस्लिम देशों के साथ मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहते हैं तो आप वापस अपने देश में मुस्लिम विरोधी नहीं बन सकते। अगर आप ईसाई देशों के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं तो आप ईसाई-विरोधी नहीं बन सकते।”

स्वर्गीय शास्त्री को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सफलतापूर्वक देश के नेतृत्व करने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कहा करते थे कि भारत धर्म को राजनीति में शामिल नहीं करता है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “आप मसलों को जंग से हल नहीं कर सकते। इसके लिए आपको शांति और बातचीत का रास्ता अपनाना होगा। यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में इसकी संभावना अधिक है। यही वजह थी कि जब मैं देश का मुख्य न्यायाधीश था तो मैंने सुझाव दिया था कि अयोध्या मुद्दे पर बातचीत होती है तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।”

देश में हुए घोटालों को शर्मनाक करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक अचल सम्पत्ति की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा कालेधन के रूप में सामने आता है। उन्होंने कहा, “न हम परिपक्व हुए हैं, न हमारा समाज भ्रष्टाचार से निपटने के लिए परिपक्व हुआ है। देश को प्रगति के रास्ते पर लाने के लिए कुछ असाधारण उपाय करने होंगे।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it