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बंगाल में हिंदुओं को उनकी पहचान के आधार पर बनाया जा रहा निशाना : प्रियंक कानूनगो

पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा और हिंदुओं के खिलाफ कथित लक्षित हमलों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कड़ा रुख अपनाया है

बंगाल में हिंदुओं को उनकी पहचान के आधार पर बनाया जा रहा निशाना : प्रियंक कानूनगो
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा और हिंदुओं के खिलाफ कथित लक्षित हमलों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कड़ा रुख अपनाया है।

आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा कि बंगाल में हिंदुओं को उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है, जिसके तहत हाल ही में एक दलित मूर्तिकार और उनके पुत्र की हत्या का मामला सामने आया है। इस घटना ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और ममता बनर्जी सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

कानूनगो ने बताया कि जैसे ही आयोग को शिकायतें मिलीं कि हिंदुओं को लक्षित कर हमले हो रहे हैं, तत्काल कार्रवाई की गई। एनएचआरसी ने अपनी विशेष जांच शाखा को निर्देश दिए, जिसके तहत एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच दल बंगाल भेजा गया। इस दल में एक न्यायिक अधिकारी भी शामिल है।

कानूनगो ने कहा, "प्रारंभिक शिकायतों, मीडिया रिपोर्ट्स और अन्य स्रोतों से संकेत मिलता है कि हिंदुओं को उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया। जांच दल के वापस आने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।"

उन्होंने कहा कि बंगाल में हाल के महीनों में हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें हिंदू समुदाय के लोगों को कथित तौर पर निशाना बनाया गया। अगर नागरिक अपने घरों में सुरक्षित महसूस नहीं करते और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए राज्य छोड़ना पड़ता है, तो यह राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है।"

कानूनगो ने राजनीतिक विवादों से दूरी बनाते हुए कहा, "मैं राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ना चाहता। हमारा ध्यान केवल नागरिकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर है। अगर मुख्यमंत्री नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होतीं, तो केंद्रीय या राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी कोई मुद्दा नहीं होता। आयोग हिंसा रोकने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। ताकि बंगाल में शांति और सुरक्षा बहाल हो सके।"


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