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मंदिर की दीवार तोड़े जाने पर हिन्दू संगठनों ने जताया विरोध 

राजनगर सेक्टर दो में रेलवे लाइन के सामने बुधवार सुबह जीडीए की टीम ग्रीन बेल्ट को कब्जा मुक्त कराने पहुंची

गाजियाबाद। राजनगर सेक्टर दो में रेलवे लाइन के सामने बुधवार सुबह जीडीए की टीम ग्रीन बेल्ट को कब्जा मुक्त कराने पहुंची। यहां बने प्राचीन हनुमान मंदिर की दीवार तोड़ दी और मंदिर परिसर में बनी गोशाला को तहस-नहस कर दिया। इससे गुस्साए हिन्दू संगठनों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और दोनों तरफ सड़क पर जाम लगा दिया। भारी पुलिसबल ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।

हिन्दू संगठनों ने करीब चार घंटे तक जाम लगाए रखा। बाद में मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी द्वितीय सुदेश गुप्ता ने उन्हें समझाया व मंदिर के सुंदरीकरण का आश्वासन दिया तब जाकर लोगों ने जाम खोला। राजनगर सेक्टर दो के बाहर रेलवे लाइन के सामने ग्रीन बेल्ट पर प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर है।

यहां पिछले 25 साल से देवरिया निवासी रामाशीष दीक्षित पुजारी हैं और मंदिर परिसर में पत्नी व बेटे के साथ रहते हैं। उन्होंने मंदिर परिसर के बराबर में ही गोशाला बना रखी है। यहां 10-12 गायें रहती हैं। बुधवार सुबह जीडीए की टीम पहुंची और मंदिर की दीवार ढहाने लगी पुजारी व उनके परिवार ने विरोध किया।

लेकिन जीडीए की टीम ने किसी की नहीं सुनी और मंदिर की दीवारें ढहा दी तथा गोशाला भी तहस-नहस कर दी। लोगों ने रेलवे लाइन के सामने दोनों मार्गों पर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा किया। लोगों के विरोध के सामने पुलिस की नहीं चली।

हालांकि जाम से अधिक परेशानी नहीं हुई राजनगर के भीतर से वाहन होकर अपने गंतव्य तक पहुंचे। पुलिस ने हिंट हाउस व सेक्टर सात से वाहनों को डायवर्ट किया। चार घंटे जाम के बाद सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी द्वितीय सुदेश गुप्ता मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया लेकिन वह शांत नहीं हुए।

इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने जीडीए अधिकारियों से वार्ता की और मंदिर के सुंदरीकरण का आश्वास दिया तब जाकर लोगों ने तीन बजे जाम खोला। इस दौरान नवयुवक शक्ति संगठन, बजरंग दल व हिन्दू युवा वाहिनी से सुभाष बजरंगी, कृष्णा त्यागी, धर्मेंद्र व राकेश मौजूद थे।

ग्रीन बेल्ट के सुंदरीकरण का काम किए जाने के चलते मंदिर की दीवार तोड़ी गई है। मंदिर के भीतर किसी प्रकार का ध्वस्तीकरण नहीं किया गया है। योजना के मुताबिक सुंदरीकरण होने पर मंदिर की दीवार की जगह लोहे की जाली लगाई जाएगी।


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