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'विनायक चतुर्थी' समारोह पर तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध का विरोध करेगी हिंदू मुन्नानी

हिंदू मुन्नानी गुरुवार को तमिलनाडु के मंदिरों के सामने सार्वजनिक रूप से 'विनायक चतुर्थी' समारोह पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ विरोध मार्च निकालेंगे

विनायक चतुर्थी समारोह पर तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध का विरोध करेगी हिंदू मुन्नानी
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चेन्नई। हिंदू मुन्नानी गुरुवार को तमिलनाडु के मंदिरों के सामने सार्वजनिक रूप से 'विनायक चतुर्थी' समारोह पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ विरोध मार्च निकालेंगे। हिंदू मुन्नानी प्रदेश अध्यक्ष कदेश्वर सी. सुब्रमण्यम ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार से विनायक चतुर्थी के सार्वजनिक समारोहों पर कोविड -19 महामारी के कारण प्रतिबंध हटाने का आह्वान किया।

हिंदू मुन्नानी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सार्वजनिक रूप से समारोहों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा हिंदू धर्मगुरुओं और अन्य लोगों के साथ बिना किसी परामर्श के तानाशाही तरीके से की गई थी।

सुब्रमण्यम ने कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार ने पिछले साल हिंदू धर्मगुरुओं के साथ विचार-विमर्श किया था और प्रतिबंधित समारोहों की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार तानाशाही व्यवहार कर रही है जो स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार स्कूलों, पार्कों, सिनेमा हॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों को फिर से खोलकर कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए केवल एक धर्म के उत्सव को प्रतिबंधित कर रही है।

हिंदू मुन्नानी ने पहले घोषणा की थी कि संगठन पूरे तमिलनाडु में 1.25 लाख स्थानों पर मूर्तियां स्थापित करेगा।

राज्य सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि महामारी को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर 'विनायक' की मूर्तियों की स्थापना और जल निकायों में मूर्तियों को विसर्जित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आदेश में यह भी कहा गया है कि केवल व्यक्तियों को ही अपनी मूर्तियों को जलाशयों में विसर्जित करने की अनुमति होगी, किसी संगठन को नहीं।


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