Top
Begin typing your search above and press return to search.

हिमंता बिस्वा सरमा ने की चंपई सोरेन से मुलाकात, असम आने का दिया निमंत्रण

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को चंपई सोरेन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो गए हैं। मैं उन्हें शुभकामना देने के लिए यहां आया हूं

हिमंता बिस्वा सरमा ने की चंपई सोरेन से मुलाकात, असम आने का दिया निमंत्रण
X

रांची। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को चंपई सोरेन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो गए हैं। मैं उन्हें शुभकामना देने के लिए यहां आया हूं।

उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में हमने कोई राजनीतिक विषय पर चर्चा नहीं की। दूसरे विषयों पर बातचीत हुई, मैंने चंपई सोरेन को असम आकर मां कामाख्या देवी के दर्शन और मेरे घर पर भोजन का निमंत्रण दिया है।

वहीं चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के असम निमंत्रण को स्वीकार किया। मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो असम जाएंगे। रामदास सोरेन को अब दूसरे टाइगर के रूप में देखा जा रहा है, आप इसे कैसे देखते हैं ? इस सवाल पर चंपई सोरेन ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं जनता के लिए काम करता हूं और आगे भी सेवा करता रहूंगा।

गौरतलब कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ साढ़े चार दशकों की राजनीतिक यात्रा को विराम देने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 30 अगस्त को रांची के धुर्वा स्थित शहीद मैदान में आयोजित एक बड़ी जनसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, चुनाव सह प्रभारी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

इस मौके पर चंपई सोरेन ने कहा, "हमने झारखंड प्रदेश में लंबी लड़ाई लड़ी और जिस संगठन को खून-पसीने से सींचा, उससे आज निकल आया हूं। मेरा वहां अपमान हुआ। मुझे लगा कि अब संन्यास ले लूं, लेकिन इलाके के लोगों से मिला प्यार और समर्थन देख कर राजनीतिक तौर सक्रिय रहने का फैसला लिया।"

बता दें कि चंपई सोरेन ने 18 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखकर झामुमो से अलग होने का ऐलान किया था। उन्होंने लिखा था कि राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए झामुमो में उनका अपमान किया गया। उनसे जिस तरह सीएम पद से इस्तीफा लिया गया, वह बेहद अपमानजनक था।

चंपई सोरेन के साथ उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन और सरायकेला-खरसावां जिला परिषद के अध्यक्ष तथा पार्टी के कद्दावर नेता सोनाराम बोदरा सहित कई लोग भाजपा में शामिल हुए।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it