Top
Begin typing your search above and press return to search.

हिमाचल: 44,387 करोड़ रुपये का बजट पेश

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आज 44,387 करोड़ रुपये का लोकप्रिय बजट पेश किया

हिमाचल: 44,387 करोड़ रुपये का बजट पेश
X

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आज 44,387 करोड़ रुपये का लोकप्रिय बजट पेश किया।

ठाकुर ने विधानसभा में बजट पेश करने के बाद आज बताया कि बजट अनुमान में 7 फीसदी की वृद्धि की गई है, जोकि वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में 1,439 करोड़ रुपये थी।

उन्होंने कहा, "यह कहना गलत होगा कि बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की गई है, उसका मुख्य कारण लोकसभा चुनावों के लिए लोगों को लुभाना है।"

राजस्व प्राप्ति का अनुमान 33,747 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय का अनुमान 36,089 करोड़ रुपये रखा गया है, जिससे राजस्व घाटा 2,342 करोड़ रुपये का है।

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा 7,352 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जोकि राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) का 4.3 फीसदी है। सरकार की कुल उधारी 5,069 करोड़ रुपये की होगी।

ठाकुर के पास वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी है। उन्होंने 15 नई योजनाओं और 30 वर्तमान योजनाओं को मजबूत बनाने की घोषणा की जिसमें शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और पर्यटन पर जोर दिया गया है।

उन्होंने हिन्दी में दिए अपने भाषण में कहा, "अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, राज्य की अर्थव्यवस्था 2018-19 के दौरान 7.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी, 2017-18 में विकास दर 6.5 फीसदी थी। 2018-19 में एसजीडीपी 1,51,835 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है, जोकि 2017-18 की तुलना में 11.2 फीसदी अधिक है।"

ठाकुर ने कहा कि 2019-20 के लिए सालाना योजना के लिए 7,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जोकि पिछले वित्त वर्ष से 12.7 फीसदी अधिक है। 2018-19 के सालाना योजना के लिए 6,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

उन्होंने घोषणा की, "नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी का प्रावधान किया गया है।"

उन्होंने कहा, "'हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना' और 'उज्जवला योजना' के लाभार्थियों को एक अतिरिक्त एलपीजी सिलिंडर मुफ्त दिया जाएगा। इस योजना से दो लाख परिवारों को फायदा होगा।"

'सहारा' योजना के तहत पार्किं सन, कैंसर, पैरालाइसिस, मसकुलर डिसट्राफी और हेमोफिलिया जैसे रोग से ग्रसित मरीजों को 2,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

बजट अनुमानों में कहा गया कि सरकार द्वारा खर्च किए गए प्रत्येक 100 रुपये में से 27.84 रुपये वेतन देने, 15 रुपये पेंशन देने, 10.25 रुपये ब्याज चुकाने, 7.35 रुपये कर्ज चुकाने और 39.56 रुपये का विकास कार्यो में इस्तेमाल होगा।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री का हालांकि कहना है कि नई योजनाओं को लांच करने की जरूरत नहीं थी।

उन्होंने कहा, "नई योजना की क्या जरूरत है, जब पुरानी योजनाओं को चलाने के लिए ही धन नहीं है। इस बजट में केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता पर कुछ नहीं कहा गया है, जबकि वहां भी इन्हीं की सरकार है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it