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इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित होगा हिमाचल : सुक्खू

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित होगा हिमाचल : सुक्खू
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। निजी व सरकारी क्षेत्र के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में छह राष्ट्रीय व राज्य उच्च मार्गों का इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकास किया जाएगा। प्राइवेट बस ऑपरेटरों को ई-बस व प्राइवेट ट्रक ऑपरेटरों को ई-ट्रक की खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का उपदान दिया जाएगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1, 500 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से चरणबद्ध ढंग से बदलने के लिए 1, 000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय मानकों पर गोल्फ कोर्स का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटक ग्राम की स्थापना की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम विकसित किए जाएंगे। आइस स्केटिंग व रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण होगा। पौंग डैम में जल क्रीड़ा, शिकारा, क्रूज, यॉट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। बनखंडी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण होगा। एडीबी के माध्यम से 1, 311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना के तहत कांगड़ा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, मंडी सहित अन्य जिलों में हेरिटेज साइट के सौंदर्यीकरण, इको टूरिज्म व पर्यटन सुविधाओं के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। प्रदेश के युवाओं को पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास के लिए वाकनाघाट में 68 करोड़ रुपये से उत्कृष्ट केंद्र के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा।

विश्व बैंक की सहायता से 2, 000 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। एचपीटीएल की ओर से 464 करोड़ रुपये की लागत से 6 ईएचवी सब स्टेशनों, 5 ट्रांसमिशन लाइनों व एक संयुक्त नियंत्रण केंद्र के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाएगा। ऊर्जा के क्रय-विक्रय के दक्ष प्रबंधन के लिए केंद्रीकृत प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा।


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