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हिमाचल में पर्यटकों की संख्या में 20-30 प्रतिशत की गिरावट

कोरोनोवायरस ने घरेलू और वैश्विक स्तर पर तबाही मचा रखा है जिसके चलते हिमाचल प्रदेश के पसंदीदा रिसॉर्ट्स में 20 से 30 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है

हिमाचल में पर्यटकों की संख्या में 20-30 प्रतिशत की गिरावट
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शिमला। कोरोनोवायरस ने घरेलू और वैश्विक स्तर पर तबाही मचा रखा है जिसके चलते हिमाचल प्रदेश के पसंदीदा रिसॉर्ट्स में 20 से 30 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को इसकी जानकारी पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधियों ने दी।

उनका कहना है कि अगर राज्य में किसी भी पाजिटिव मामलें की सूचना मिलती है तो इसका सीधा असर बुकिंग पर पड़ेगा। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को राज्य में कोरोनोवायरस महामारी से बचने के लिए निगरानी रखने को कहा।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के अधिकारियों ने कहा कि प्रमुख पर्यटन स्थलों के होटलों की बुकिंग रद्द करने की संख्या सामान्य दिनों में लगभग 50 प्रतिशत और सप्ताह के दिनों में यह 70 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

एचपीटीडीसी की महाप्रबंधक पूनम भारद्वाज ने आईएएनएस से कहा, "कोरोनोवायरस आशंकाओं के कारण 50 प्रतिशत बुकिंग रद्द कर दी गई है, जोकि सामान्य दिनों की तुलना में 70 प्रतिशत कम है।"

उन्होंने आगे बताया कि हमारे सूचना केंद्रो में पर्यटकों द्वारा कोरोनावायरस के बारे में पूछताछ की जा रही है।

चंडीगढ़ की कॉपोर्रेट कार्यकारी सोनल कपूर ने कहा, "उन्होंने धर्मशाला और पालमपुर कस्बों में इस महीने की बुकिंग को कोरोनोवायरस महामारी के कारण रद्द कर दिया। अब वह दशहरा की छुट्टियों के दौरान वहां जाने की सोच रही हैं।"

राजधानी दिल्ली से 250 किलोमीटर दूर मनाली के एक होटल और ट्रैवल एजेंट एमसी ठाकुर ने बताया, "एडवेन्चर टूरिस्ट, खासतौर से विदेशीयों का जून के महीने में आना शुरू होता है।"

उन्होंने आगे कहा कि अगर विश्व में कोरोनावायरस का प्रकोप इसी तरह से जारी रहा तो इसका प्रभाव यहां भी देखा जा सकता है।

शिमला के एक स्थानीय होटल व्यवसायी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा, "अधिकांश पर्यटन स्थल सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं जो पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और कश्मीर के साथ सीमा साझा करते हैं। राज्य के अधिकारियों को राज्य के प्रवेश स्थलों पर स्क्रीनिंग केंद्र स्थापित करने चाहिए, ताकि संदिग्ध कोरोनोवायरस रोगियों की जांच की जा सके।"

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था जल विद्युत उत्पादन, बागवानी और पर्यटक पर निर्भर है।


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