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हिमाचल हाईकोर्ट ने जेलों की अमानवीय दशा पर मांगी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को जेलों की अमानवीय दशा पर सरकार को नए सिरे से रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया

हिमाचल हाईकोर्ट ने जेलों की अमानवीय दशा पर मांगी रिपोर्ट
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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को जेलों की अमानवीय दशा पर सरकार को नए सिरे से रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश एक याचिका पर पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जनहित याचिका के रूप में कोर्ट ने इस याचिका का स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में 1,382 जेलों में अमानवीय दशा के संबंध में यह निर्देश दिया है।

शीर्ष कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है, जिसमें जिक्र किया गया है कि हमीरपुर जिला जेल, नूरपुर उप जेल और कल्लू जिला जेल में अत्यधिक भीड़ है और कर्मचारियों की कमी है।

रिपोर्ट में कहा गया कि जिला व धर्मशाला और बिलासपुर की ओपेन एयर जेलों में कर्मचारियों की कमी है और मंडी जिला जेल में मेडिकल ऑफिसर की तैनाती नहीं है।

हाईकोर्ट ने पाया कि अधिकांश राज्य जेल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) से चिकित्सा सुविधाएं ले रहे हैं और चार चिकित्सा अधिकारियों की स्वीकृत संख्या जेल के कैदियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को तय कर दी। कोर्ट ने कहा कि इन परिस्थितियों में उम्मीद की जाती है कि राज्य चिकित्सा अधिकारियों के लिए अधिक पदों को मंजूरी देने और जरूरत के अनुसार अधिक एंबुलेंस और वाहन प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे।


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