Top
Begin typing your search above and press return to search.

हिमाचल सरकार ने जलविद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लगाया, सीएम खट्टर ने तत्काल वापस लेने की मांग की

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जलविद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर (वाटर सैस) लगाने के अध्यादेश का विरोध किया है

हिमाचल सरकार ने जलविद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लगाया, सीएम खट्टर ने तत्काल वापस लेने की मांग की
X

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जलविद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर (वाटर सैस) लगाने के अध्यादेश का विरोध किया है। सीएम खट्टर ने जल उपकर को अवैध बताते, इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के अंतिम दिन अध्यादेश का विरोध करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे पूरे सदन ने सर्वसम्मति से समर्थन और पारित किया। उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी आग्रह किया कि वह हिमाचल सरकार को अध्यादेश वापस लेने के लिए हस्तक्षेप करे क्योंकि यह केंद्रीय अधिनियम यानी अंतर्राज्यीय जल विवाद अधिनियम 1956 का उल्लंघन है।

इस नये उपकर से भागीदार राज्यों पर प्रति वर्ष 1,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिसमें से लगभग 336 करोड़ रुपये का बोझ हरियाणा पर पड़ेगा।

खट्टर ने कहा कि यह उपकर न केवल अपने प्राकृतिक संसाधनों पर राज्य के विशेष अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इससे बिजली उत्पादन के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी पड़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप बिजली उत्पादन की लागत बढ़ेगी।

उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जल उपकर लगाना अंतर्राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के विरूद्ध है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन परियोजनाओं के माध्यम से हरियाणा राज्य पहले से ही हरियाणा और पंजाब के कम्पोजिट शेयर की 7.19 प्रतिशत बिजली हिमाचल को दे रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it