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हिमाचल के मुख्यमंत्री ने केंद्र से सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का किया आग्रह

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पिछले चार वर्षो में राज्य के लिए लगभग 10,620 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए गुरुवार को केंद्र से सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की

हिमाचल के मुख्यमंत्री ने केंद्र से सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का किया आग्रह
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पिछले चार वर्षो में राज्य के लिए लगभग 10,620 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए गुरुवार को केंद्र से सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की। केंद्रीय बजट 2022-23 पर बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 2.5 लाख परिवारों की आजीविका की रक्षा के लिए सेब पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की जरूरत है।

सेब हिमाचल की प्रमुख बागवानी फसल है और राज्य की एक बड़ी आबादी के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। हालांकि, राष्ट्रीय बाजार में आयातित सेबों की भारी संख्या के कारण हिमाचल के सेब की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है।

ठाकुर ने कहा, "आयात शुल्क बढ़ाया जाना चाहिए और सेब को खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के तहत लाए गए फलों और अन्य वस्तुओं की सूची से बाहर रखा जाना चाहिए।"

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने मंडी जिले में ग्रीन फील्ड हवाईअड्डे के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान पाया है और इसकी अंतिम तकनीकी स्वीकृति भी दे दी है।

उन्होंने कहा, "इसलिए, इस परियोजना को आगामी केंद्रीय बजट में शामिल किया जा सकता है।"

ठाकुर ने प्रस्तावित हवाईअड्डे को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित हवाईअड्डा सामरिक महत्व का है, क्योंकि यह लेह के निकट है। हवाईअड्डे के निर्माण की अनुमानित लागत 3,000 करोड़ रुपये है।

ठाकुर ने कहा कि राज्य में रेल और हवाई संपर्क के साधन सीमित हैं और शिमला, कुल्लू और कांगड़ा में तीन मौजूदा हवाईअड्डों के छोटे रनवे हैं, जो उन्हें केवल छोटे विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

उन्होंने कहा, "इसलिए, मंडी में हवाईअड्डा समय की जरूरत है।"

ठाकुर ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को अगले तीन साल के लिए बढ़ाने की भी मांग की। राज्य को केंद्रीय सहायता के हिस्से के रूप में जीएसटी मुआवजा और राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) मिल रहा है और इसमें से जीएसटी मुआवजा केवल जून 2022 तक प्रभावी है।

इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार आरडीजी को भी कम किया जाएगा, जिससे राज्य सरकार के वित्त पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी मुआवजे की सुविधा जारी रहनी चाहिए।


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