Top
Begin typing your search above and press return to search.

हिमाचल के सीएम का केंद्र से आग्रह : 9,242 करोड़ रुपये का पेंशन फंड लौटाएं

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को केंद्र से राज्य द्वारा नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत जमा किए गए 9,242 करोड़ रुपये पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को वापस करने का आग्रह किया

हिमाचल के सीएम का केंद्र से आग्रह : 9,242 करोड़ रुपये का पेंशन फंड लौटाएं
X

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को केंद्र से राज्य द्वारा नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत जमा किए गए 9,242 करोड़ रुपये पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को वापस करने का आग्रह किया। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की आठवीं गवर्निग काउंसिल की बैठक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र से एनपीएस के तहत पिछले वर्ष की 1,779 करोड़ रुपये की जमा राशि को इस वित्तवर्ष की उधार सीमा से कम नहीं करने का आग्रह किया और 27 मार्च को लिए गए फैसले की समीक्षा भी की जाए।

सुक्खू ने केंद्र से अगले तीन वर्षो के लिए बाहरी सहायता प्राप्त करने की सीमा को हटाने का भी आग्रह किया और आर्थिक मामलों के विभाग को प्रस्तुत प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की।

उन्होंने रणनीतिक भानुपाली-बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन के लिए 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण का भी आग्रह किया और भूमि अधिग्रहण लागत को राज्य के योगदान के रूप में माना।

मुख्यमंत्री ने राज्य में मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को पूरा करने के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग के अलावा रोपवे परियोजनाओं को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत शामिल करने का अनुरोध किया।

सुक्खू ने ई-बसों की खरीद के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के तहत ओपेक्स मॉडल (परिचालन व्यय) के साथ कैपेक्स मॉडल (पूंजीगत व्यय) का विकल्प प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

राज्य की दृष्टि और पहलों से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हिमाचल प्रदेश को 'हरित ऊर्जा राज्य' के रूप में विकसित करने की इच्छुक है। उन्होंने कहा कि 'हरित हिमाचल' की अवधारणा के तहत पर्यटन का विकास किया जा रहा है और पर्यावरण की रक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के प्रयास जारी हैं और आने वाले वर्षो में राज्य रोडवेज की अधिकांश डीजल बसों को ई-बसों से बदल दिया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it