हिलेरी ईमेल मामले में एफबीआई ने किया अपने फैसले का बचाव
एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमे ने कहा है कि उन्हें यह सोचकर भी घृणा होती है कि हिलेरी क्लिंटन को लेकर उनकी जांच से 2016 के राष्ट्रपति चुनाव प्रभावित हो सकते थे

वाशिंगटन| एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमे ने कहा है कि उन्हें यह सोचकर भी घृणा होती है कि हिलेरी क्लिंटन को लेकर उनकी जांच से 2016 के राष्ट्रपति चुनाव प्रभावित हो सकते थे। कोमे ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक तौर पर चुनाव अभियान के दौरान लिए गए अपने फैसले का बचाव किया। कोमे के फैसले की क्लिंटन समेत डेमोकेट्र्स ने कड़ी निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि हिलेरी ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार के लिए जेम्स कोमे के पत्र को जिम्मेदार ठहराते हुए मंगलवार को कहा था कि अगर एफबीआई निदेशक ने फिर से जांच शुरू नहीं की होती, तो वह यकीनन चुनाव जीत जातीं।
एफे न्यूज के मुताबिक, कोमे ने सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष कहा, "वह एक मुश्किल फैसला था, लेकिन मुझे अब भी लगता है कि वह फैसला सही था।"
उन्होंने सीनेट की न्यायिक समिति से कहा कि एफबीआई इस बारे में नहीं सोच सकती कि किस फैसले से नेताओं को हानि होगी या लाभ।
कोमे ने कहा, "मैं एक क्षण के लिए भी यह नहीं सोच सकता था कि इससे किस का राजनीतिक भविष्य प्रभावित होगा।" उन्होंने चुनाव से महज 11 दिन पूर्व जांच फिर से शुरू करने के अपने फैसले का मजबूती से बचाव करते हुए कहा कि उनके विचार में इसे छिपाने के भयानक परिणाम होते।
कोमे ने कहा कि उन्होंने जांच फिर से शुरू करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि एफबीआई के एजेंट्स को राष्ट्रपति पद की डेमोकेट्रिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की करीबी राजनीतिक सलाहकार हुमा अबेदीन के पति पूर्व सांसद एंथोनी वीनर के लैपटॉप पर हिलेरी के हजारों ई-मेल्स मिले थे।
एफबीआई एजेंट्स को उस कम्प्यूटर से हिलेरी के विदेश मंत्री के तौर पर पहले तीन महीने के दौरान के ईमेल मिले थे। कोमे ने कहा कि इस बात का खुलासा करना 'स्वाभाविक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण था।'


