Top
Begin typing your search above and press return to search.

उच्च शिक्षा संस्थान नवाचार, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को सक्षम बनाएं : मंत्री

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने नवाचार और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के उच्च शिक्षा संस्थानों के अवसरों पर रोशनी डालते हुए बुधवार को कहा कि यह न केवल देश में आर्थिक स्तर पर, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय मोर्चे पर भी क्रांति ला सकता है

उच्च शिक्षा संस्थान नवाचार, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को सक्षम बनाएं : मंत्री
X

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने नवाचार और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के उच्च शिक्षा संस्थानों के अवसरों पर रोशनी डालते हुए बुधवार को कहा कि यह न केवल देश में आर्थिक स्तर पर, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय मोर्चे पर भी क्रांति ला सकता है। नवाचार उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग (एआरआईआईए) 2021 का वर्चुअल तौर पर उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 इन प्रयासों को लंबे समय में अधिक प्रभावी और प्रभावशाली बनाएगी।

उनके अनुसार, एआरआईआईए रैंकिंग भारतीय संस्थानों को अपने परिसरों में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी मानसिकता को फिर से उन्मुख करने और इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए प्रेरित करेगी।

यह जिक्र करते हुए कि सरकार ने 2025 तक 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के लिए नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर जोर दिया है, उन्होंने कहा कि संस्थान को मात्रा से ज्यादा नवोन्मेष और अनुसंधान की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।

मंत्री ने कहा, "इससे हमें सही मायने में 'आत्मनिर्भर भारत' का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।" उन्होंने कहा कि 'नवाचार पर जोर' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी की हालिया यात्रा के दौरान ली गई तीन प्रतिज्ञाओं में से एक है। अन्य दो प्रतिज्ञाएं हैं 'स्वच्छ भारत' और 'आत्मनिर्भर भारत'।

डॉ. सुभाष सरकार ने कहा, "इन तीनों प्रतिज्ञाओं को ध्यान में रखते हुए इनकी पूर्ति के लिए नवप्रवर्तन ही एकमात्र मार्ग है। इसलिए, हमें अपने शैक्षणिक संस्थानों के भीतर नवाचार और उद्यमिता को एक बड़ा बढ़ावा देने की जरूरत है और एआरआईआईए उस दिशा में एक बड़ी पहल है।"

नवाचार और स्टार्ट-अप में भारत की लगातार प्रगति का जिक्र करते हुए सरकार ने कहा, "भारत दुनिया की सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणालियों में से एक है, इसलिए हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा हमारे छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने और नवोन्मेषकों, आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचारकों, रचनात्मक समस्या समाधानकर्ताओं, उद्यमियों और नौकरी सृजित करने वालों के रूप में संकाय तैयार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास की जरूरत है।"

केंद्रीय मंत्री ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और एमओई के इनोवेशन सेल द्वारा एआरआईआईए और इसके दो संस्करणों की सफलतापूर्वक योजना बनाने और लागू करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने एआरआईआईए के चौथे संस्करण का भी शुभारंभ किया और सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से भाग लेने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की यह पहल छात्रों और शिक्षकों के बीच नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता विकास से संबंधित संकेतकों पर भारत के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों को व्यवस्थित रूप से रैंक करती है।

एआरआईआईआईए-2021 रैंकिंग की घोषणा विभिन्न श्रेणियों में की गई है, जिसमें केंद्र द्वारा वित्तपोषित तकनीकी संस्थान -आईआईटी, एनआईटी, राज्य विश्वविद्यालय, राज्य स्टैंडअलोन तकनीकी कॉलेज, निजी विश्वविद्यालय, निजी स्टैंडअलोन तकनीकी कॉलेज, गैर-तकनीकी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय और संस्थान शामिल हैं। इस वर्ष भागीदारी लगभग दोगुनी होकर 1,438 संस्थानों तक पहुंच गई है और पहले संस्करण की तुलना में चौगुनी हो गई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it