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आयोजन के बाद हाईस्कूल मैदान बदला कूड़ादान में

जिला मुख्यालय का हाई स्कूल मैदान जो खिलाड़ियों के लिए अभ्यास के लिए एक मात्र जगह है

आयोजन के बाद हाईस्कूल मैदान बदला कूड़ादान में
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जांजगीर। जिला मुख्यालय का हाई स्कूल मैदान जो खिलाड़ियों के लिए अभ्यास के लिए एक मात्र जगह है। जो विभिन्न सांस्कृतिक व राजनीतिक आयोजनों के चलते अपना स्वरूप खोने लगा है। यहां आयोजन के लिए जगह-जगह खोदे गये गड्ढ़ों व आयोजन सम्पन्न होने के बाद फैले कचरों के ढेर से मैदान भरा पड़ा है। जहां बदबू व मवेशियों का डेरा लगा रहता है।

नगर की सफाई का जिम्मा उठाने वाले पालिका के कर्मचारी समय पर इसका उठाव नहीं कर रहे है। जाज्वल्य देव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला के समापन के बाद मैदान की हालत कूड़ेघर जैसी बनी हुई है, जहां लगे मेले के दौरान फेेंके गये कचड़े में भोजन की तलाश करते मवेशियों ने अपना डेरा जमाया हुआ है। शहर के खेल प्रेमी युवक पिछले पखवाड़े भर से अपना अभ्यास शुरू करने के इंतजार में बैठे है, जहां मैदान में लगे बॉस, बल्लियां अभी हटी नहीं है। इधर नगर की सफाई का जिम्मा उठाने वाले पालिका प्रशासन अपने सफाई कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा।

मिशन क्लीन सिटी के तहत घर-घर से कचरा उठाने का अभियान तो चल रहा है। मगर सार्वजनिक स्थानों से कचरा उठाने वाले पालिकाकर्मियों में से मेले का खुमार उतरा नहीं है, जो आज मेला खतम होने के बाद मैदान के चारों तरफ फैले कचरो के ढेर से देखा जा सकता है।

तीन दिवसीय जाज्वल्य देव लोक महोत्सव 9 फरवरी को खत्म हो गया, वहीं दूसरे दिन मैदान के चारों तरफ कूड़ों के ढेर से फैल रही बदबू ने वहां से गुजरने वाले लोगों को खूब परेशान किया है। जिसकी शिकायत पालिका में करने गये लोगों को मायूसी हाथ लगी, जहां अधिकारी तो दूर कर्मचारी भी नजर नहीं आये। ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान एवं मिशन क्लीन सिटी के दावों की पोल खुल रही है।

इतने बड़े आयोजन तथा इसे देखने सुनने हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन जिला मुख्यालय में जुटते रहे है। इसका अंदाजा प्रशासन के अलावा पालिका को भी रही है।

बावजूद इसके सफाई अमला की अधूरी तैयारी के चलते मैदान कचरों के ढेर में तब्दील हो गया है। बाहर से आने वालों को नगर में साफ-सफाई दिखनी चाहिए, मगर इसके उलट समापन के बाद भी कचरों का न उठाया जाना विभाग की उदासीनता को जाहिर करता है। जहां गन्ने के छिलकों से लेकर प्लास्टिक के प्लेट व बचे भोजन के पैकेट बिखरा पड़ा है। जहां मवेशियों व आवारा कुत्तों की फौज कब्जा जमाये बैठे है।


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