आवेदन की पावती मांगने पर अति. तहसीलदार ने वृद्ध को चेम्बर से भगाया
एक बुजुर्ग को अतिरिक्त तहसीलदार से आवेदन की पावती मांगना महंगा पड़ गया

बिलासपुर। एक बुजुर्ग को अतिरिक्त तहसीलदार से आवेदन की पावती मांगना महंगा पड़ गया। अतिरिक्त तहसीलदार ने उसे फटकारते हुए अपने चेम्बर से भगा दिया। इस बात को लेकर जनप्रतिनिधियों व अधिवक्ताओं द्वारा घेराव करने के बाद भी उनके व्यवहार में किसी तरह का बदलाव नहीं आया। आक्रोशित लोगों ने अतिरिक्त तहसीलदार को जमकर खरी खोटी सुनाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सकरी निवासी 70 वर्षीय सुखनंदन चौबे नामांतरण संबंधी कार्य कराने सकरी तहसील कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने आवेदन तहसीलदार सकरी को दिया और पावती मांगी। इस बात को लेकर अतिरिक्त तहसीलदार लता उर्वशी भड़क गई और पावती नहीं देने की बात कहते हुए उसे कार्यालय से भगा दिया।
शिक्षा विभाग में लेखपाल के पद से सेवानिवृत्त हुए सुखनंदन चौबे ने कार्यालय से पावती लेने की जिद की तो उसे कलेक्ट्रेट से पावती लेने की बात उन्होंने कही। सुखनंदन का आरोप है कि तहसीलदार ने उसे कार्यालय से किसी भी आवेदन की पावती नहीं मिलने का हवाला देते हुए भगा दिया। इसी तरह संबलपुरी का किसान लोमस राम साहू तहसील कार्यालय का विगत सात साल से पारिवारिक बंटवारे के लिए चक्कर काट रहे हैं।
लोमस भी सुबह से तहसीलदार के इंतजार करता रहा। दोपहर तीन बजे तहसीलदार जब कार्यालय पहुंची और अपने चेंबर में दरवाजा बंद कर बैठ गई जिस कारण वह भी घंटों अधिकारी का इंतजार करता रहा और परेशान रहा बुजुर्गों की परेशानी की जानकारी जब मीडिया को हुई तब जाकर बंद दरवाजा खोला गया।
दरवाजा खुलते ही दोनों बुजुर्गों जनप्रतिनिधि व अधिवक्ताओं ने तहसीलदार का घेराव कर दिया। किसानों के आवेदन पर पावती नहीं मिलने का कारण पूछने पर उर्वशी झल्लाते हुए कहने लगी कि उनके कार्यालय में आवेदन की पावती देने का नियम नहीं है।
अतिरिक्त तहसीलदार ने तानाशाही रवैया से अक्रोशित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य सरस्वती महेन्द्र तिवारी जनपद सदस्य भोलानाथ तिवारी, दिनेश कौशिक, दिनेश लहरिया सकरी अधिवकता संघ के अध्यक्ष हरीश तिवारी व जिला अधिवकता संघ के कार्यकारिणी सदस्य राकेश चौबे ने अतिरिक्त तहसीलदार उर्वशी की कार्यप्रणाली की शिकायत कलेक्टर से करने की बात कही है।


