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हाईकोर्ट ने अधिकारी-कर्मचारियों के सेटअॅप पर सरकार से जवाब मांगा

लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने नगर-निगम ने कर्मचारी, अधिकारियों का नया सेटअॅप शासन के पास भेजा

हाईकोर्ट ने अधिकारी-कर्मचारियों के सेटअॅप पर सरकार से जवाब मांगा
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शहर में प्रदूषित पेयजल की सप्लाई का मामला

बिलासपुर। लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने नगर-निगम ने कर्मचारी, अधिकारियों का नया सेटअॅप शासन के पास भेजा था, उसमें 146 में सिर्फ 22 पदों को स्वीकृति दी गई। इस पर ने पानी को मूलभूत आवश्यकता बताते हुए नगरीय प्रशासन सचिव को आदेशित किया कि नए सेटअॅप के बारे में अंतिम निर्णय ले और दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट को बताएं।

नलों के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे पीने के पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया पाए जाने के मामले में आज जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव व जस्टिस शरद गुप्ता की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई नगर निगम द्वारा कर्मचारियों का नया सेटअॅप तैयार कर लैब और साफ पानी की सप्लाई के लिए करीब 146 अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग शासन से की थी। संचालनालय स्तर पर गठित समिति द्वारा सिर्फ 22 पदों की स्वीकृति दी गई।

हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन के सचिव को दो सप्ताह के भीतर बताने को कहा है कि इस पर अंतिम निर्णय क्या ले रहे हैं। बिलासपुर नगर निगम आज भी 1980 के सेटअॅप पर काम कर रहा है।

न्यायमित्रों द्वारा पानी की जांच के लिए प्रयोगशाला में प्रशिक्षित स्टाफ की तत्काल आवश्यकता बताये जाने पर बिलासपुर नगर निगम ने बताया कि वर्तमान में यहां पानी की जांच के लिए कोई प्रयोगशाला नहीं है। निगम की ओर से नए सेटअॅप का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है, जिसमें प्रयोगशाला में करीब 12 व 130 अन्य

अधिकारी -कर्मचारियों की आवश्यकता बताई गई है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन सहित नगरीय प्रशासन सचिव को आदेशित किया था कि शपथ पत्र में बताएं कि इस पूरी प्रक्रिया में कितने दिन लग सकते हैं।

गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 243डब्ल्यू के तहत् नगर पालिकाओं की शक्तियों, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों की चर्चा की गई है, जिसके तहत कुल 18 बिन्दुओं पर नगर पालिकाओं के उत्तरदायित्व बताये गये हैं जिसके तहत घरेलू प्रयोजनों के तहत स्वच्छ जल प्रदाय करना तथा लोक स्वास्थ्य का ध्यान रखना नगर पालिकाओं का दायित्व है।

वर्ष 2014 में पीलिया से पत्नी की मृत्यु होने पर दीनदयाल उपाध्याय नगर, रायपुर के मुकेश कुमार देवांगन ने एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें हाईकोर्ट ने अधिवक्ता मनोज परांजपे अमृतो दास एवं अधिवक्ता सौरभ डांगी को न्यायमित्र नियुक्त करते हुए रायपुर और बिलासपुर नगर निगम में पेयजल की गुणवत्ता पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

ननि ने मांगा था ये सेटअॅप
कैमिस्ट-1,बैक्टीरियोलॉजिस्ट-1,लैब टेक्नीशियन-3,टाइपिस्ट कम क्लर्क-1, सैंपल टेकर्स-3,सैंपल क्लीनर-3,कैमिस्ट-3,कार्यपालन अभियंता-1, सहायक अभियंता-2, उप अभियंता-6,डाटा एंट्रीऑपरेटर-6,स्टोर कीपर-2,टाइम कीपर-15,प्लंबर-10,इलेक्ट्रिशियन-4,हेल्पर-20,मजदूर-20,सुरक्षाकर्मी-30,केमिस्ट-3,लैब

अटेंडेंट-3,लीकेज इंस्पेक्टर-12।
संचालनालय द्वारा स्वीकृत पद
सहायक अभियंता-2,डाटा एंट्रीऑपरेटर-1,स्टोर कीपर-1,टाईम कीपर-4,प्लम्बर-4,इलेक्ट्रिशयन-4,हेल्पर-4,कैमिस्ट-1,लैब टेक्नीश्यिन-1।


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