उच्च न्यायालय ने डेंगू रोकने के लिए सरकार को दिए निर्देश
इलाहाबाद उच्य न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने डेंगू को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश राज्य सरकार के सभी संबंधित विभागों एवं निगमों को दिए हैं

लखनऊ। इलाहाबाद उच्य न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने डेंगू को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश राज्य सरकार के सभी संबंधित विभागों एवं निगमों को दिए हैं।
अदालत ने खुले स्थानो पर कूडा फेंकने पर भी तत्काल रोक लगाते हुए कहा है कि खुले में कूड़ा फेकने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाय ।
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ ने शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर एक विचाराधीन जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिए । इस मामले में न्यायालय पहले भी संबधित विभागों के अफसरों को निर्देश दे चुकी है। सख्त कार्रवाई न होने पर अदालत ने फिर से यह आदेश दिए।
सुनवाई के समय याची ने न्यायालय को बताया इस साल भी डेंगू जानलेवा बना हुआ है और आये दिन लोग इसकी चपेट मे आ रहें हैं । अदालत ने इसपर राज्य सरकार की ओर से गत शुक्रवार को राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि डेंगू पर प्रभावी नियन्त्रण के मुद्दे को गौर से देखें और यह सुनिश्चित करायें कि इसके लिये और प्रभावी कदम क्या उठाएँ जाएँ।
अदालत ने सम्बंधित अफसरों से इस मामले में अनुपालन रिपोर्ट भी छह दिसंबर को तलब की है।
सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह व अपर महाधिवकता कुलदीप पति त्रिपाठी भी मौजूद रहे। महाधिवक्ता ने राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से भी अदालत को अवगत कराया ।
इस मामले में नियुक्त न्यायमित्र-अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह राजावत ने कुछ फोटो पेश किए,जिनमें शहर के खुले स्थानों पर कूडा कचरा फेंका गया दिख रहा था । इसपर अदालत ने इन जगहों समेत शहर में किसी भी खुली जगह पर कूड़ा न फेकने के निर्देश नगर निगम को दिए हैं।
इससे पहले अदालत ने इस मामले मे राजधानी को आवारा पशुओं से मुक्त कराने, पॉलीथीन का इस्तेमाल रोकने समेत शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश अफसरों को दिए थे। अदालत ने इस मामले कीअगली सुनवाई छह दिसंबर को नियत की है।


