बाघों के संरक्षण पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बाघों के संरक्षण के मामले में आज एक बड़ी टिप्पणी की और कहा कि कोर्ट अगर बाघ को पार्टी बना दें तो बाघ मनुष्य से इतना ही कहेगा कि 'मुझे तंग न करें, अकेला छोड़ दें....

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बाघों के संरक्षण के मामले में आज एक बड़ी टिप्पणी की और कहा कि कोर्ट अगर बाघ को पार्टी बना दें तो बाघ मनुष्य से इतना ही कहेगा कि 'मुझे तंग न करें, अकेला छोड़ दें। हाईकोर्ट ने कहा कि मनुष्य पर्यावरण और वन्य प्राणियों को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। शासन से जवाब मांगा गया है कि चालू वर्ष में वन विभाग में 50 फीसदी रिक्त पदों को भरने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही।
एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी.बी.राधाकृष्णन और जस्टिस संजय एस.अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने यह टिप्पणी की। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फारेस्ट गार्ड के खाली 170 पदों की भर्ती के बारे मुख्य सचिव से शपथ पत्र मांगा था और पूछा था ये पद कब तक भर लिए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने जवाब दिया था कि फारेस्ट गार्ड के 170 खाली पद में से 50 फीसदी पद चालू वर्ष में तथा शेष 50 फीसदी अगले वर्ष भर दिए जाएंगे। इस पर कोर्ट ने आदेशित किया है कि चालू वर्ष में 50 फीसदी पद भरने के लिए क्या कार्रवाई की गई है, अगली सुनवाई में बताएं।
सुनवाई में याचिकाकर्ता रायपुर निवासी नितिन सिंघवी की ओर से मांग की गई कि फारेस्ट गार्ड के रिक्त पदों की संख्या वर्तमान के पदों तीन गुणी होनी चाहिए। इसी के साथ अचानकमार तथा इंद्रावती टाइगर रिजर्व में पूर्णकालीन प्रोजेक्ट डायेक्टर पदस्थ किए जाएं। यहां प्रोजेक्ट डायेरक्टर को अतिरिक्त प्रभार देकर काम लिया जा रहा है।
यह भी मांग की गई है कि वन विभाग को समुचित फंड उपलब्ध कराया जाए। याचिकाकर्ता की मांग पर भी कोर्ट नेअगली सुनवाई में जवाब मांगा है।


