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ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हेमंत को नहीं मिली राहत, खंडपीठ ने कहा - पहले हाईकोर्ट जाइए

ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को कोई राहत नहीं मिल पाई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस याचिका पर फिलहाल विचार नहीं करेगी। सोरेन चाहें तो इस मामले पर सुनवाई के लिए पहले हाईकोर्ट जा सकते हैं।

ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हेमंत को नहीं मिली राहत, खंडपीठ ने कहा - पहले हाईकोर्ट जाइए
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रांची । ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को कोई राहत नहीं मिल पाई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस याचिका पर फिलहाल विचार नहीं करेगी। सोरेन चाहें तो इस मामले पर सुनवाई के लिए पहले हाईकोर्ट जा सकते हैं।

सोरेन ने ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर क्रिमिनल रिट पिटीशन में पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता पर सवाल उठाया था।

उन्होंने याचिका में कहा था कि जांच एजेंसी को धारा 50 के अंतर्गत बयान दर्ज कराने या पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। इसलिए, समन जारी करने के बाद गिरफ्तारी का डर बना रहता है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि समन को स्थगित किया जाए और पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश ईडी को दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने सोरेन की याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए उनके वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि वह पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते?

इधर, ईडी ने सोरेन को चौथी बार समन जारी कर 24 सितंबर को एजेंसी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है। एजेंसी उनके रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ करना चाहती है।

इस घोटाले में ईडी रांची के पूर्व डीसी आईएएस छविरंजन सहित 13 को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने सोरेन को पहली बार 24 अगस्त को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन, सोरेन ने इसके जवाब में पत्र भेजकर समन को गैरकानूनी बताते हुए कानूनी कार्रवाई की बात कही थी।

सोरेन ने इस मामले में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है। केंद्र सरकार पिछले एक साल से उन पर अनुचित दबाव डाल रही है। उनकी बात नहीं मानने पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने ईडी के तौर-तरीके पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि अवैध पत्थर खनन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उस वक्त उन्होंने अपने और परिवार की चल-अचल संपत्ति का सारा ब्योरा भी दिया था।

30 नवंबर 2022 को अचल संपत्ति के डीड की सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराई गई थी। बैंक का डिटेल भी मुहैया कराया गया था। सीएम ने लिखा था कि क्या वह कागजात ईडी ऑफिस में गुम हो गए हैं? अगर आप दोबारा चाहेंगे तो भिजवा दिया जाएगा।


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