नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के कारण फैला कोरोनाः राउत
श्री राउत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लॉकडाउन को बिना किसी योजना के लागू कर दिया, लेकिन अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी गई है।

पुणे। शिव सेना नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के लिए फरवरी में गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रम और बाद में मुंबई तथा दिल्ली में उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का आगमन कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार के लिए जिम्मेदार है।
श्री राउत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लॉकडाउन को बिना किसी योजना के लागू कर दिया, लेकिन अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी गई है।
उन्होंने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य की महाराष्ट्र विकास अगाड़ी गठबंधन सरकार के गिरने के दावे को दरकिनार करते हुए कहा कि राज्य सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है क्योंकि सभी सत्तारूढ़ पार्टियों शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का इस सरकार के अस्तित्व को बनाए रखना मजबूरी है।
उन्होंने शिव सेना के मुख्य पत्र सामना में लिखा, “इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोरोना वायरस गुजरात में फैला क्योंकि श्री ट्रंप के स्वागत में काफी संख्या में लोग जुटे थे। श्री ट्रंप के प्रतिनिधिमंडल में शामिल कुछ सदस्य मुंबई और दिल्ली में गये थे, जिसके कारण यह वायरस फैला।
उल्लेखनीय कि श्री ट्रंप के स्वागत में 24 फरवरी को गुजरात के अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमेंं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया था।
श्री राउत ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस महामारी को रोकने में विफल रहने का हवाला देकर श्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली गठबंधन सरकार को गिराने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोई भी कोशिश आत्मघाती होगी।
उन्होंने कहा, “सबने देखा है कि छह महीने पहले राज्य में किस तरह से राष्ट्रपति शासन लगाया और हटाया गया था।
उन्होंने कहा, “यदि कोरोना वायरस से निपटने का आधार ही राष्ट्रपति शासन को लागू करने का मानक है, तो भाजपा शासित राज्यों के साथ देश के 17 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए। यहां तक कि केंद्र सरकार भी इस महामारी को रोक पाने में विफल साबित हुई है क्योंकि उसके पास इसके खिलाफ लड़ाई के लिए कोई योजना ही नहीं है।
शिव सेना नेता ने कहा, “लॉकडाउन को बिना किसी योजना के लागू किया गया और बिना किसी योजना के इसको हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाली जा रही है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बेहतरीन तरीके से समझाया है कि लॉकडाउन कैसे विफल हुआ। उन्होंने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि लोग कोरोनो वायरस मामलों में वृद्धि के लिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग करने की राजनीति कर सकते हैं।”
भाजपा सांसद नारायण राणे हाल ही में राज्यपाल बी. एस. कोशियारी से मिले थे और उनसे राज्य में कोरोना वायरस को रोकने में विफल रहने के कारण राज्य की शिव सेना नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी। भाजपा ने हालांकि बाद में कहा था कि वह राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश नहीं कर रही है।
श्री राउत ने राज्य सरकार की स्थिरता की बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र अघाड़ी गठबंधन सभी तीनों सहयोगी पार्टियों की मजबूरी है। यदि सत्तारूढ़ पार्टियों के बीच आंतरिक मतभेद है, तो यह राज्य सरकार के लिए खतरा नहीं है क्योंकि गठबंधन को पता है कि प्रत्येक के लिए स्थिरता मजबूरी है।
उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस की नेतृत्ववाली भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार के समय भी सत्तारूढ़ पार्टियों के बीच आंतरिक मतभेद थे, लेकिन सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री फडणवीस राज्य की गठबंधन सरकार के गिरने की भविष्यवाणी कर रहे है और कह रहे हैं कि यह अपने आंतरिक मतभेदों की वजह से गिरेगी।
उन्होंने कहा, “यदि फडणवीस सरकार भाजपा और शिव सेना के आंतरिक मजभेदों की वजह से नहीं गिरी, तो यह सरकार कैसे गिर सकती है। फडणवीस सरकार शिव सेना के मंत्रियों के अपने पॉकेट में इस्तीफे का पत्र लेकर चलने के बावजूद भी चल सकती है, तो यह सरकार क्यों नहीं चल सकती है।”


