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छठे दौर की चीन-जर्मनी कूटनीतिक और सुरक्षा सामरिक वार्ता आयोजित

चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने 14 अप्रैल को पेइचिंग में जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक के साथ छठे दौर की चीन-जर्मनी कूटनीतिक और सुरक्षा सामरिक वार्ता का आयोजन किया

छठे दौर की चीन-जर्मनी कूटनीतिक और सुरक्षा सामरिक वार्ता आयोजित
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बीजिंग। चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने 14 अप्रैल को पेइचिंग में जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक के साथ छठे दौर की चीन-जर्मनी कूटनीतिक और सुरक्षा सामरिक वार्ता का आयोजन किया। छिन कांग ने कहा कि चीन और जर्मनी प्रतिद्वंद्वी नहीं, साझेदार हैं। हमें स्वतंत्र रूप से द्विपक्षीय संबंधों का विकास करना चाहिए। अब चीन उच्च गुणवत्ता वाला विकास करता है, विकास के नए ढांचे के निर्माण को तेज करता है और लगातार उच्च स्तरीय खुलेपन का विस्तार करता है। यह अवश्य ही जर्मनी समेत विभिन्न देशों को ज्यादा अवसर देगा। चीन जर्मनी के साथ चतुमुर्खी आवाजाही करने के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहता है। दोनों पक्षों को सरकारी परामर्श और उच्च स्तरीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान व्यवस्था से जुड़े सम्मेलन की अच्छे से तैयार करनी चाहिए।

छिन कांग ने आगे कहा कि चीन और जर्मनी विश्व प्रभाव वाले बड़े देश हैं। द्विपक्षीय संबंध द्विपक्षीय के दायरे से परे हो चुके हैं। हम हाथ में हाथ डालकर ज्यादा सार्थक काम कर सकते हैं और जटिल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में अधिक भूमिका निभा सकते हैं। हमें मानव समुदाय के साझे भविष्य की विचारधारा से बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सावधानीपूर्वक बुनियादी मापदंड की रक्षा करना चाहिए। इसके साथ, बहुपक्षीय ढांचे में समन्वय मजबूत कर वैश्विक चुनौतियों का समान मुकाबला किया जाना चाहिए। आशा है कि जर्मनी दीर्घकालीन और वैश्विक ²ष्टि से चीनी निवेश को देखेगा और चीनी उद्यमों को निष्पक्ष, खुला व गैर-भेदभावपूर्ण बाजार वातावरण तैयार करेगा।

बेयरबॉक ने कहा कि जर्मनी स्वतंत्र रूप से चीन के साथ संबंधों का विकास करता है और चीन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान व वार्ता बहाल करने के इंतजार में है। विभिन्न देशों को निष्पक्ष नियमों का पालन करना चाहिए। आशा है कि अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन के साथ घनिष्ठ सहयोग किया जाएगा।

दोनों पक्षों ने यूक्रेन संकट, रणनीतिक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, हरित विकास और लोकतंत्र आदि मुद्दों पर भी गहन रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया।


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