भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित
छत्तीसगढ के बस्तर संभाग में पिछले चार दिनों से हो रहे भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त है

जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर संभाग में पिछले चार दिनों से हो रहे भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
दक्षिण बस्तर के बीजापुर जिले का मुख्यालय से संपर्क चारों ओर से कट चुका है।
जगदलपुर-दुर्ग रेलमार्ग पर रायगढ़ा सेक्शन का एक पुल बाढ़ के पानी में बह जाने से बस्तर आने वाली दो यात्री ट्रेन को आगामी 20 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है।
बैलाडिला-विशाखापट्टनम मार्ग पर भारी वर्षा के कारण सिलकजोड़ी एवं डिलमिली के पास बारिश से रेलपात बह जाने के कारण किंरदूल-विशाखापटनम यात्री ट्रेन को रद्द किया गया है।
वहीं जगदलपुर-कोरापुट और विशाखापट्टनम से रेल संपर्क टूट चुका है।
भारी वर्षा से इन्द्रावती, शबरी, संकनी-डंकनी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
इंद्रावती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है जो संभवत: शाम तक खतरे के निशान को पार कर जाएगा।
अधिकारी के जानकारी के अनुसार जगदलपुर-बीजापुर मार्ग पर मिंगाचल नदी का पानी पुल के ऊपर आने से आवागमन बंद है।
वहीं बीजापुर-भोपालपट्टनम इलाके में बाढ़ से आवागमन लगातार बंद है।
बीजापुर-बासागुड़ा मार्ग पर जगह-जगह नदी-नाले के उफान पर आने पर इस मार्ग पर भी आवागमन बंद है।
कोंडागांव-नारायणपुर मार्ग पर कोकड़ीघाट का जलस्तर भी बढ़ रहा है। बस्तर जिले के इंद्रावती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है।
वर्तमान में जलस्तर 7.15 मीटर है। खतरे का निशान 8 मीटर है। शाम तक संभावना व्यक्त की जा रही है कि खतरे के निशान को पार कर जाएगा। पुराना पुल डूब चुका है।
नगरनार स्पात संयंत्र के करीब नदी उस पार बसे भेजापदर, नदीबोडऩा गांव टापू बन चुका है।
यहां के 50 परिवार को लेने के लिए मोटरबोट भेजा गया है।
जगदलपुर-कोंडागांव मार्ग पर जगह-जगह बारिश के पानी भर जाने से छोटे वाहनों का आना-जाना बंद है।
जगदलपुर शहर के अंदर नीचली बस्तियों में पानी भर रहा है।
बस्तर कलेक्टर धनंजय देवांगन ने बताया कि लगातार इंद्रावती का जलस्तर बढऩे के कारण इसपर सतत निगरानी रखी गई है।
जगह-जगह गोताखोर तैनात किए गए हैं और बाढ़ पीडितों के लिए आवश्यकता अनुसार कैंप भी बनाये जा रहे हैं।
अलग-अलग स्थानों पर अधिकारियों का दल रवाना किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक कोई अफरी घटना की सूचना नहीं है।


