Top
Begin typing your search above and press return to search.

सुप्रीम कोर्ट में आरसीएपी रिजॉल्यूशन मामले में टोरेंट की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को

रिलायंस कैपिटल रिजॉल्यूशन प्लान मामले में टोरेंट इन्वेस्टमेंट की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है

सुप्रीम कोर्ट में आरसीएपी रिजॉल्यूशन मामले में टोरेंट की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को
X

मुंबई। रिलायंस कैपिटल रिजॉल्यूशन प्लान मामले में टोरेंट इन्वेस्टमेंट की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है।

पांच महीने पहले 99.6 प्रतिशत वोट के साथ ऋणदाताओं द्वारा हिंदुजा समूह की समाधान योजना को मंजूरी दिए जाने के बावजूद, रिलायंस कैपिटल के लिए समाधान प्रक्रिया अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।

टोरेंट की याचिका, जिसने रिलायंस कैपिटल की संपत्तियों की बिक्री के लिए दूसरे दौर की नीलामी को चुनौती दी थी, अप्रैल 2023 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

सुप्रीम कोर्ट ने नीलामी के दूसरे दौर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जो अंततः 26 अप्रैल, 2023 को आयोजित की गई थी।

हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल दूसरी नीलामी में एकमात्र बोली लगाने वाली कंपनी थी, क्योंकि टोरेंट इन्वेस्टमेंट ने भाग नहीं लेने का फैसला किया था।

आईआईएचएल ने 9,800 करोड़ रुपये की नकद बोली लगाई थी। आईआईएचएल की समाधान योजना को ऋणदाताओं ने जून 2023 में योजना के पक्ष में 99.6 प्रतिशत मतदान के साथ मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमे और विभिन्न प्रक्रियात्मक देरी के कारण रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं मिल सका है।

टोरेंट इन्वेस्टमेंट ने अगस्त में एनसीएलटी को आईआईएचएल समाधान योजना पर विचार करने से रोकने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने एनसीएलटी के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। आईआईएचएल की समाधान योजना को एनसीएलटी की मंजूरी अभी भी लंबित है, क्योंकि कंपनी को अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से मंजूरी नहीं मिली है। समाधान योजना अंतिम एनसीएलटी अनुमोदन के लिए जरूारी शर्तें हैं।

टोरेंट इन्वेस्टमेंट ने 3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक अर्जेंसी पत्र दायर किया, जिसमें उसकी लंबित अपीलों की तत्काल सुनवाई और अंतिम निपटान की मांग की गई। पत्र में टोरेंट इन्वेस्टमेंट ने तर्क दिया कि रिलायंस कैपिटल के लेनदारों की समिति (सीओसी) ने नीलामी के दूसरे दौर का आयोजन किया और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी अपीलों के लंबित रहने के दौरान आईआईएचएल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इन कार्रवाइयों से उनकी लंबित अपीलें निरर्थक हो सकती हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it