21 अगस्त को होगी आरक्षण मामले की सुनवाई
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में क्षैतिज आरक्षण देने के मामले की सुनवाई अब 21 अगस्त को होगी। इस मामले में न्यायालय ने नयी पीठ का गठन किया है
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में क्षैतिज आरक्षण देने के मामले की सुनवाई अब 21 अगस्त को होगी। इस मामले में न्यायालय ने नयी पीठ का गठन किया है। दूसरी ओर राज्य आंदोलनकारियों ने मामले में तेजी लाने के लिए आंदोलनकारियों की एक कमेटी का गठन किया है।
कमेटी आंदोलनकारियों से विधिक सुझाव आमंत्रित करेगी। इसके बाद सुझावों के आधार पर लड़ाई को तेज किया जाएगा। आंदोलनकारियों को आरक्षण देने के मामले में न्यायालय के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ पहले ही आदेश पारित कर चुकी है। दोनों न्यायाधीश इस मामले में अलग-अलग राय व्यक्त कर चुके हैं।
अब न्यायालय की ओर से तीसरी कोर्ट का गठन कर मामले की सुनवाई की जा रही है। सभी पक्षकारों की ओर से आज न्यायालय में अपने-अपने दावों के संबंध में लिखित दस्तावेज न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की कोर्ट में पेश किये गये।
आज राज्य सरकार की ओर से इस मामले में समय लिया गया है। अब इस प्रकरण में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। उल्लेखनीय है कि राज्य आंदोलनकारी सरकार से राज्य की सरकारी नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। पिछली सरकार ने आंदोलनकारियों की मांग को देखते हुए दस फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था कर दी थी।
सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट की एक सदस्यीय खंडपीठ ने निरस्त कर दिया था ।इसके बाद आंदोलनकारियों ने एकलपीठ के इस फैसले को पुनः चुनौती दी।जनहित याचिका की सुनवाई दो सदस्यीय खंडपीठ में हुई। न्यायाधीश सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने 21 जून को आदेश पारित किये जिसमें दोनों न्यायाधीशों ने भिन्न-भिन्न राय व्यक्त की थी।


