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श्री कृष्ण जन्मस्थल मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को

अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के बाद अब मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि का मामला सुर्खियों में है

श्री कृष्ण जन्मस्थल मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को
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मथुरा। अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के बाद अब मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि का मामला सुर्खियों में है। भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक के लिए सोमवार को जिला जज मथुरा की अदालत में अपील की गई। जिला जज ने दावे को दाखिल करने संबंधी मामले में निर्णय को सुरक्षित कर लिया है। न्यायालय अब 16 अक्टूबर को इस संबंध में निर्णय देगा। मथुरा में श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर विवाद को लेकर 30 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अपील दायर की गई थी। जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब इसको जिला जज की कोर्ट में दायर किया गया है। दायर दावे पर वादी पक्ष अपने तर्क प्रस्तुत करेगा। इसके बाद अदालत मामले में आगे की प्रक्रिया अपनाएगी। इस मामले में वादी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि मजबूत दावे के साथ हम सोमवार को अपील दायर करेंगे।

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की वादी रंजना अग्निहोत्री आदि के अधिवक्ताओं ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। करीब दो घंटे तक सुनवाई के बाद न्यायालय ने अगली तारीख दी। भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा ने दावा दाखिल करने के लिए अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा।

अधिवक्ताओं ने सबसे पहले उक्त जमीन के इतिहास की जानकारी दी। फिर उन्होंने 02 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा 13.37 एकड़ जमीन पर कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के साथ हुए समझौते को गैर कानूनी बताया। कहा कि इसके बाद 1973 में डिक्री (न्यायिक निर्णय) किया गया था। अधिवक्ताओं ने बताया कि वह उस न्यायिक निर्णय को रद्द कराना चाहते हैं।

उनकी ओर से इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने इससे पूर्व दावा अस्वीकार करने वाली फाइल को पूर्व न्यायालय एडीजे-2 से मंगा लिया। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि जिला न्यायालय ने दावा दाखिल करने के संबंध में 16 अक्टूबर की तिथि तय की है। वहीं जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम तरकर ने बताया कि अदालत 16 अक्टूबर को अपना निर्णय सुनाएगी।


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