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सत्येंद्र जैन मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक स्थगित

दिल्ली की विशेष अदालत ने सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी

सत्येंद्र जैन मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक स्थगित
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नई दिल्ली। दिल्ली की विशेष अदालत ने सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

श्री जैन की ओर से कहा गया कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) द्वारा पारित स्थानांतरण आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

श्री जैन के वकील ने कहा कि हमने उच्चतम न्यायालय में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है और अब शीर्ष न्यायालय मामले को एक विशेष न्यायालय से दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित करने की याचिका में प्रस्तुतियां सुनने के लिए सहमत हो गया है। उन्होंने यह निवेदन करते हुए स्थगन की मांग की है कि उक्त याचिका के परिणाम को देखने के लिए कृपया श्री जैन के मामले को स्थगित कर दिया जाए।

विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने श्री जैन की ओर से याचिका पर सुनवाई के बाद मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 18 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को 18 अक्टूबर को आरोपी सत्येंद्र कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन को पेश करने का भी निर्देश दिया।

गौरतलब है कि राउज एवेन्यू, नयी दिल्ली के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने 22 सितंबर को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत से विशेष न्यायाधीश विकास ढुल को स्थानांतरित कर दिया।

श्री जैन के वकील ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पारित 22 सितंबर के आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन श्री जैन की याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था और अब वही मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सरकारी वकील ने पहले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया कि श्री जैन ने दिल्ली में एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में सेवा की है इसलिए वह ना केवल जाली दस्तावेज प्राप्त करने का प्रबंधन कर सकते हैं बल्कि डॉक्टरों और जेल अधिकारी को प्रभावित कर सकते हैं। यही वजह है कि श्री जैन ने अपनी बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने का झांसा दिया।

श्री जैन के वकील ने ईडी के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि यह मुकदमे को पटरी से उतारने और श्री जैन की हिरासत को बढ़ाने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण आवेदन है। उन्होंने तर्क दिया कि श्री जैन न तो स्वास्थ्य मंत्री हैं और न ही जेल मंत्री हैं, बल्कि जेल में हैं और क्योंकि जिस अस्पताल में श्री जैन को दिल्ली सरकार के नियंत्रण में भर्ती कराया गया था, उस पर इस मामले में पक्षपात का आरोप लगाने का कोई आधार नहीं है।

इस मामले में ईडी ने पहले श्री सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि अगर जमानत दी जाती है तो वह सह-आरोपी, गवाहों और मामले से जुड़े अन्य दस्तावेजों को प्रभावित कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने इस मामले में 30 मई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था और वह अब तिहाड़ में न्यायिक हिरासत में है।

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में आय से अधिक संपत्ति मामले में 1.47 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन जांच के संबंध में 4.81 करोड़ रुपये की कुर्की जमा की है।


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