जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जांच कमेटी की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की याचिका पर ही सवाल खड़े कर दिए। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिका की रूपरेखा और जस्टिस वर्मा के आचरण पर तीखे सवाल किए

- जस्टिस वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
- कोर्ट ने जज के आचरण पर उठाए सवाल
- मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी
नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की याचिका पर ही सवाल खड़े कर दिए। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिका की रूपरेखा और जस्टिस वर्मा के आचरण पर तीखे सवाल किए।
जस्टिस वर्मा की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि किसी भी जज को केवल संविधान के अनुच्छेद 124 के अनुसार ही हटाया जा सकता है। जजों का पैनल महाभियोग की सिफारिश नहीं कर सकता, क्योंकि यह पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में है। जो प्रक्रिया अपनाई गई है, ये पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है, ये प्रक्रिया राजनीतिक हो गई है।
जिसपर कोर्ट की तरफ से कहा गया कि हो सकता है कि ये प्रक्रिया राजनीतिक हो गई लेकिन फिर जस्टिस वर्मा ने इस इन्क्वायरी में सहयोग क्यों किया ? कोर्ट ने पूछा कि आप जांच कमेटी के सामने क्यों पेश हुए। क्या आपने पहले वहां से फैसला अपने हक में लाने की कोशिश की ? और प्रक्रिया में भाग लेने के बाद आप आंतरिक जाँच को कैसे चुनौती दे सकते हैं? और अगर आपका मानना है कि जांच कमेटी के पास आपके खिलाफ जांच का कोई अधिकार नहीं है तो आपने जांच कमेटी की रिपोर्ट आने का इंतज़ार क्यों किया ?
जस्टिस वर्मा की तरफ से कहा गया कि उन्होंने जांच कमेटी के सामने भी अपने तथ्य रखे और कमेटी की रिपोर्ट उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इसके बावजूद कैश मिलने का जो वीडियो सार्वजनिक किया गया, उसके बाद लोगों ने तो उन्हें अपराधी ठहरा दिया, वहीं जो कैश बरामद हुआ है उसे लेकर सिब्बल ने कहा कि ये कैश जस्टिस वर्मा का नहीं है, और किसका है ये अबतक पता नहीं लगाया जा सका..बहस के बीच कोर्ट किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया.. मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।


