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शरद यादव की याचिका पर 14 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह जनता दल(युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 14 दिसंबर को करेगा।

शरद यादव की याचिका पर 14 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई
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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह जनता दल(युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 14 दिसंबर को करेगा।

शरद यादव की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने मामले की जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया, जिसपर न्यायालय मामले की सुनवाई गुरुवार को करने पर राजी हुआ। सिब्बल ने न्यायमूर्ति विभु बाखरू से संसद का शीतकालीन सत्र जल्द शुरू होने के मद्देनजर याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया।

राज्यसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने के निर्णय को चुनौती देते हुए, यादव ने कहा कि उनके खिलाफ आदेश दिए जाने से पहले अधिकारियों ने उन्हें अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया।

उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने चार दिसंबर को जद(यू) के बागी नेता शरद यादव व अली अनवर को राज्यसभा की सदस्यता अयोग्य घोषित कर दिया था।

जद(यू) ने दोनों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की थी। पार्टी का मानना था कि दोनों नेताओं ने विपक्षी पार्टी की रैली में शामिल होकर पार्टी नियमों की अनदेखी की।

नायडू ने जद(यू) के उस तर्क से सहमति जताई, जिसमें कहा गया था कि दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी निर्देशों की अवहेलना कर अपनी सदस्यता स्वेच्छा से त्याग दी थी।

यादव व अंसारी समेत जद(यू) के कई नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन तोड़ने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद पार्टी से नाराज होकर पार्टी में अपना अलग गुट बना लिए हैं।

यादव उच्च सदन के लिए वर्ष 2016 में निर्वाचित हुए थे और उनका कार्यकाल 2022 तक था। जबकि अनवर का कार्यकाल 2018 में समाप्त होने वाला है।

चुनाव आयोग ने नवंबर माह में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जद(यू) को वास्तविक पार्टी बताया था और चुनाव चिह्न् 'तीर' के इस्तेमाल की भी इजाजत दी थी।


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