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बढ़ रहा यूरिक एसिड का खतरा! पानी दे सकता है इस समस्या से राहत

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान और रहन-सहन का असर सीधे हमारे शरीर पर पड़ता है।

बढ़ रहा यूरिक एसिड का खतरा! पानी दे सकता है इस समस्या से राहत
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नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान और रहन-सहन का असर सीधे हमारे शरीर पर पड़ता है। सुबह से लेकर रात तक हम तरह-तरह के फास्ट फूड, तले-भुने खाने और प्रोटीन से भरपूर चीजें खाते हैं। इस बीच हम यह ध्यान नहीं रखते कि इसका असर हमारे शरीर पर कैसे पड़ेगा। इसी लापरवाही के चलते हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जिनमें से एक है 'यूरिक एसिड' का बढ़ना। पहले यह परेशानी उम्रदराज लोगों में ही देखी जाती थी, लेकिन अब यह युवाओं में भी आम हो गई है।

जोड़ों में दर्द, सूजन, चलने में दिक्कत और शरीर में अकड़न, ये सभी इसके संकेत हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समस्या की जड़ हमारे शरीर के पाचन और मेटाबॉलिज्म में होता है?

जब हम प्रोटीन से भरपूर चीजें खाते हैं, तो शरीर में प्यूरिन नाम का तत्व बनता है। अगर शरीर इसे सही से पचा नहीं पाता, तो यह यूरिक एसिड में बदल जाता है। अब अगर यह यूरिक एसिड समय रहते शरीर से बाहर न निकले, तो यह जोड़ों में जमा होकर दर्द और सूजन पैदा कर सकता है, या फिर किडनी में जाकर पथरी भी बना सकता है। इसका सबसे आसान, सस्ता और असरदार तरीका है 'पानी'।

पानी ही इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान है। जैसे कोई झाड़ू घर की गंदगी साफ करता है, वैसे ही पानी शरीर में जमा जहर और बेकार तत्वों को बाहर निकालता है। जब आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो शरीर में बनने वाला यूरिक एसिड पेशाब के रास्ते बाहर चला जाता है। इससे शरीर साफ भी रहता है और जोड़ों पर इसका असर नहीं पड़ता। इसके अलावा, पानी पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है, जिससे प्यूरिन ठीक से पचता है और यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने नहीं पाती।

अगर आप दिनभर कम पानी पीते हैं, तो शरीर में सूखापन बढ़ जाता है। इस वजह से किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती और यूरिक एसिड धीरे-धीरे शरीर में जमा होने लगता है। इसलिए जिन लोगों को पहले से यूरिक एसिड की परेशानी है या जो प्रोटीन ज्यादा खाते हैं, उन्हें दिनभर में कम से कम 14 से 16 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। इससे न सिर्फ यूरिक एसिड बाहर निकलता है, बल्कि जोड़ों में नमी बनी रहती है, जिससे सूजन और दर्द में भी राहत मिलती है।


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