स्वास्थ्य विभाग संचारी रोग पर काबू के लिए कटिबद्ध : सिद्धार्थ
उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धर्थनाथ सिंह ने कहा कि पहले स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के नाम से जाना जाता था

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धर्थनाथ सिंह ने कहा कि पहले स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के नाम से जाना जाता था लेकिन आज वही डेंगू, मलेरिया और इंसेफलाइटिस का खात्मा कर रहा है वहीं संचारी रोग नियंत्रण के लिए कटिबद्ध है।
श्री सिंह संचारी रोग नियंत्रण के तीसरे पखवाड़े के शुभारंभ के अवसर पर सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री के सपनाे को साकार करने के लिए सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन आया है। जहां पहले स्वास्थ्य विभाग को एनएचआरएम घोटाले के नाम से जाना जाता रहा है आज वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक बेहतर सेवाओं के लिए जाना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ढाई साल में परिवर्तन के साथ प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर बदल गई है। आज वही विभाग डेंगू, मलेरिया और इंसेफलाइटिस का खात्मा कर रहा है। उन्होंने कहा कि केवल संचारी रोग नियंत्रण के लिए 74000
स्वास्थ्य कर्मचारियों में से 34000 स्वास्थ्य कर्मियों को तथा 450 डॉक्टरों प्रशिक्षित किया गया है। आरईएस जैसी बीमारी पर रोक लगाने के लिए डेढ़ करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया।
श्री सिंह ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण सफाई रखने का जनजागरण और एंटी लार्वा छिड़काव के जरिए गांव गांव में अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा वर्ष 2017 में जब “ मैं स्वास्थ्य मंत्री बना था तो प्रदेश में गंभीर बीमारियों के कारण सरकार कटघरे में खड़ी थी। जहां पहले जनवरी से अगस्त महीने तक में 600 से 800 बच्चों की मृत्यु होती थी वहीं 2019 में सिर्फ 34 बच्चों की मौत हुई। उन्होंने दावा किया मुझे पूर्ण विश्वास है कि अगले साल एक बच्चे नहीं मरेंगे। ”
उन्होंने कहा कि इस कार्य को मैं अकेला नहीं कर सकता था। इसमें 11 विभागों के लोगों के साथ तालमेल कर पाना बहुत कठिन समस्या थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वयं बैठकर प्रदेश के जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक बृहद कार्य योजना बनाई गई कि कैसे हर गंभीर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके। उसी का परिणाम है कि बीमारियों पर काफी हदतक अंकुश लगा है।
इस अवसर पर इलाहाबाद की सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने कहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को वैलनेस सेंटर के रूप में कन्वर्ट करने के कारण 80 फीसदी बीमारी में कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग और सरकार की उपलब्धियों ने 40 फीसदी डेंगू जैसी बीमारी पर अंकुश पाया है। उन्होंने कहा बीमारी की रोकथाम तभी संभव है जब समाज के हर व्यक्ति एकजुट होकर स्वच्छता के अभियान को लेकर आगे बढ़े।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि इन ढ़ाई सालों में सीएचसी पीएचसी और जिला अस्पताल की तस्वीर बदल गया है। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सक्रियता से समाज को सीधा लाभ मिला है। सरकार की
मंशा रही है कि गांव गांव में किसी भी प्रकार की बीमारी न/न हो और अगर कोई बीमार हो तो सरलता के साथ इलाज हो।


