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क्या कमल नाथ ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है? सहयोगी ने अटकलों को अफवाह बताया

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है

क्या कमल नाथ ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है? सहयोगी ने अटकलों को अफवाह बताया
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भोपाल। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है, जिसके बाद सोमवार को अटकलें तेज हो गईं।

संदेश ने ये अटकलें भी तेज कर दीं कि कमल नाथ के बेटे और छिंदवाड़ा के सांसद नकुल नाथ भी कांग्रेस से परे विकल्प तलाश रहे हैं।

हालांकि, कमल नाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया संदेश को "अफवाह" और "साजिश" करार देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसी किसी मुलाकात की मांग नहीं की गई है।

बबेले ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “यह खबर पूरी तरह से षड्यंत्र है। कमल नाथ न तो प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं और न ही उन्होंने मिलने का समय मांगा है। 21 जनवरी को वह दिल्ली में भी नहीं रहेंगे। ऐसा लगता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत पिछले कुछ दिनों से लगातार कमल नाथ के बारे में झूठी और बेबुनियाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं। ऐसी हरकतें बेहद निंदनीय हैं।”

यह विवादास्पद संदेश तब प्रसारित किया गया, जब सबसे पुरानी पार्टी ने दंगा प्रभावित मणिपुर से 'भारत जोड़ो (न्याय) यात्रा' का दूसरा भाग शुरू किया है।

कमलनाथ ने बीते गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी, जिससे अटकलें तेज हो गईं। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया।

पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए खुद को भगवान हनुमान के भक्त के रूप में पेश किया था। हालांकि, भगवा पार्टी 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतने में कामयाब रही।

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने से इनकार किए जाने के बाद कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा में एक सप्ताह लंबे धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया है।

कथित तौर पर नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा में भगवान राम के नाम का जिक्र करते हुए पर्चे भी बांटे हैं और लोगों से कम से कम 108 बार भगवान राम लिखने के लिए कहा है।

इस अभ्यास के पीछे का विचार कागज पर भगवान राम का नाम 4.31 करोड़ बार लिखना है, जिसे 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या भेजा जाना है।


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