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रोहतक : पिता ऑटो चालक, बेटी ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

रुड़की गांव की मीनाक्षी हुड्डा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है

रोहतक : पिता ऑटो चालक, बेटी ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड
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रोहतक। रुड़की गांव की मीनाक्षी हुड्डा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने इंग्लैंड में कजाकिस्तान की नाइजिन काइजेबे को 4:1 से हराकर देश के लिए मेडल जीता। प्रधानमंत्री मोदी ने भी रोहतक की इस बेटी को सराहा है।

मीनाक्षी हुड्डा के पिता कृष्ण एक ऑटो चालक हैं। एक वक्त था, जब समाज के डर से पिता ने बेटी को बॉक्सिंग खेलने से रोका, लेकिन मां ने पिता से छिपाकर बेटी को खेलने भेजा। आज उसी पिता को अपनी इस बेटी पर नाज है।

पिता कृष्ण ने कहा, "बेटी की जीत पर हमें बहुत खुशी है। पीएम मोदी ने मेरी बेटी को बधाई दी है। इस पर मुझे बेहद गर्व है। मेरे तीन लड़कियां और एक लड़का है। उस वक्त मैं किराए का ऑटो चलाता था। मेरी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि बेटी को यह खेल सीखने के लिए भेज सकूं।"

उन्होंने कहा, "लोग कहते थे अगर तुम्हारी बेटी बॉक्सिंग करेगी, तो उसका चेहरा खराब होगा। ऐसे में कौन उससे शादी करेगा? लेकिन हमारे ही गांव के एक कोच ने मुझसे बेटी को बॉक्सिंग जारी रखने के लिए कहा। मैं अपनी बेटी के लिए जितना हो सकता, करने की कोशिश करता। हम बेटी के लिए दूध, घी, फल, जितना हो सकता था, उतना उसके लिए उपलब्ध करवाते।"

पिता ने कहा, "अब बेटी ने ही मुझे ऑटो दिलवाया है। मुझे इसकी बेहद खुशी है। जब बेटी घर लौटेगी, तो हम उसका जोरदार स्वागत करेंगे। लड़का-लड़की में कोई अंतर नहीं है। मैं सभी से कहना चाहता हूं कि अपनी बेटी को पढ़ाएं और उन्हें खेलने की आजादी दें।"

मीनाक्षी की मां सुनीता को अपनी बेटी पर फख्र है। मां ने कहा, "मैंने कभी सोचा नहीं था कि बेटी इस स्तर पर पहुंचकर देश का नाम रोशन करेगी। मीनाक्षी के पिता उसे बॉक्सिंग के लिए मना करते थे, लेकिन मैंने कभी नहीं रोका। समाज वाले भी हमारी बेटी को लेकर तरह-तरह की बातें करते थे, लेकिन मुझे बेटी पर विश्वास था।"


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