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हरियाणा : संतुलित जीवन जीने के लिए बताया आध्यात्मिकता का महत्व

 हरियाणा के सोनीपत में ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) द्वारा आध्यात्मिकता विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया

हरियाणा : संतुलित जीवन जीने के लिए बताया आध्यात्मिकता का महत्व
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सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) द्वारा आध्यात्मिकता विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के दौरान एक संतुलित जीवन जीने और बेचैन मन को सही राह पर लेकर जाने के संबंध में महत्वपूर्ण बातें साझा की गईं। 'आध्यात्मिकता और प्रबंधन : मॉडल से अनुप्रयोग की ओर' इस सम्मेलन का शीर्षक रहा।

सम्मेलन का उद्देश्य यह बताना रहा कि हमारे पेशेवर, व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन के मूल में आध्यात्मिकता का क्या महत्व है। इसके साथ ही बताया गया कि इस पर विचार-विमर्श के लिए एक संवाद की भी कितनी आवश्यकता है।

जेआईबीएस की संयुक्त निदेशक व सहायक प्रोफेसर डॉ. तिथि भटनागर ने सम्मेलन की आयोजन समिति प्रमुख की भूमिका निभाई। उन्होंने आध्यात्मिकता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आध्यात्मिकता को लोगों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने वाला और वैश्विक कल्याण का मार्ग बताया।

भटनागर ने इसे चुनौतियों को दूर करने वाला और ज्ञान की प्राप्ति का मार्ग बताया।

जेआईबीएस के प्रमुख निदेशक प्रोफेसर संजीव पी. साहनी ने धार्मिकता और संबंधित गतिविधियों के साथ आध्यात्मिकता को अलग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि हमने आध्यात्मिकता को धार्मिक प्रथाओं, अनुष्ठानों, उपदेशों, देवताओं के स्मरण, वंदना, योग, और ध्यान के साथ जोड़कर देखा है, जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में इससे कहीं अधिक है।

सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों ने एक संतुलित जीवन जीने और आध्यात्मिक साधनों के माध्यम से बेचैन दिमाग को सही रास्ते पर लाने पर जोर दिया।


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