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हरियाणा : किसानों को बोनस, विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल विजेता वाली सुविधा

विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा सरकार ने किसानों को इस साल खरीफ की फसलों पर प्रति एकड़ दो हजार रुपये का बोनस देने, विनेश फोगाट को ओलंपिक रजत पदक विजेताओं वाली सारी सुविधाएं देने और पत्रकारों की मासिक पेंशन से दो शर्त खत्म करने का फैसला किया है

हरियाणा : किसानों को बोनस, विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल विजेता वाली सुविधा
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चंडीगढ़। विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा सरकार ने किसानों को इस साल खरीफ की फसलों पर प्रति एकड़ दो हजार रुपये का बोनस देने, विनेश फोगाट को ओलंपिक रजत पदक विजेताओं वाली सारी सुविधाएं देने और पत्रकारों की मासिक पेंशन से दो शर्त खत्म करने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसले लिए गये। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद हर जिले में जाकर किसानों से बात की है। किसान परिवार से होने के नाते वह उनकी समस्याओं से अवगत हैं। सरकार ने किसानों की सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने और आबियाना खत्म करने का फैसला पहले ही ले लिया था। इस साल अब तक कम बारिश को देखते हुए आज कैबिनेट ने चालू खरीफ फसलों का बोनस किसानों को देने का फैसला लिया है। इस साल खरीफ की फसलों पर प्रति एकड़ दो हजार रुपये बोनस मिलेगा। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि 15 अगस्त तक किसान अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवा लें। अगर कोई किसान की जोत एक एकड़ से कम है तो उसे भी दो हजार रुपये मिलेंगे।

पहलवान विनेश फोगाट के लिए भी कैबिनेट ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट हमारी बेटी है और हमें अपनी बेटी पर नाज है। उन्हें सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी की तरह सारी सुविधाएं दी जाएंगी।

विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम वर्ग में फाइनल में पहुंचने के बाद महज 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण अयोग्य होकर बाहर हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने कुश्ती को हमेशा के लिए अलविदा कहने के अपने फैसले की घोषणा की।

सरकार ने पत्रकारों की मासिक पेंशन शर्तों में दो शर्तों को हटाने की मांग स्वीकार कर ली है। पहले किसी भी लाभार्थी मीडियाकर्मी के खिलाफ अगर कोई आपराधिक मामला दर्ज होता था तो उसे मिल रही पेंशन समाप्त करने का प्रावधान था। इसके अलावा परिवार के किसी एक ही सदस्य को पेंशन देने का प्रावधान था। मतलब अगर परिवार में दो लोग मीडिया क्षेत्र से जुड़े हैं तो उनमें से किसी एक को पेंशन दिया जाता था। कैबिनेट की बैठक में इन दोनों शर्त को खत्म करने का फैसला किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार बहुत मेहनत करते हैं और लगातार पसीना बहाते हैं। सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में जनता की समस्या को उजागर करने का काम करते हैं। इसे देखते हुए पूर्व सीएम मनोहर लाल ने पत्रकारों के लिए पेंशन का प्रावधान किया था। उसमें जो समस्याएं थीं, उन्हें आज हटा दिया गया है।


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