हार्वर्ड यूनिवर्सिटी : विदेशी छात्रों के समर्थन में राघव चड्ढा, ट्रंप के प्रतिबंध को बताया गलत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के विदेशी छात्रों को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला देने से रोकने के फैसले को जहां विश्वविद्यालय ने कानूनी चुनौती दी है, वहीं आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी इस कदम की आलोचना की है

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के विदेशी छात्रों को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला देने से रोकने के फैसले को जहां विश्वविद्यालय ने कानूनी चुनौती दी है, वहीं आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी इस कदम की आलोचना की है।
चड्ढा ने कहा कि यह फैसला न केवल छात्रों के सपनों और भविष्य को खतरे में डालता है, बल्कि शैक्षणिक स्वतंत्रता और वैश्विक सहयोग पर भी सीधा हमला है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप का यह हालिया कदम हार्वर्ड और अन्य जगहों पर पढ़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के सपनों और भविष्य के लिए खतरा है। हार्वर्ड समुदाय का गर्वित सदस्य होने के नाते, मैं समावेशन और शैक्षणिक स्वतंत्रता के समर्थन में अपनी पहचान को खुलकर जाहिर करता हूं। मैं हार्वर्ड और उन सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के साथ खड़ा हूं जिनका भविष्य संकट में है। हमें शैक्षणिक स्वतंत्रता और वैश्विक सहयोग की रक्षा करनी चाहिए।"
President Trump’s recent move threatens the dreams and futures of international students at Harvard and beyond. As a proud member of the Harvard community, I wear my colours to show support for inclusion and academic freedom. I stand with @Harvard and all international students… pic.twitter.com/DCPS6yr227
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) May 23, 2025
इससे पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के उस फैसले को संविधान विरोधी करार देते हुए अमेरिकी संघीय अदालत में एक मुकदमा दायर किया। यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह कदम व्हाइट हाउस की राजनीतिक मांगों का विरोध करने पर प्रतिशोध स्वरूप उठाया गया है।
यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि इस फैसले से हार्वर्ड के 7,000 से अधिक वीजा धारकों और स्वयं विश्वविद्यालय पर तुरंत और गंभीर असर पड़ेगा।
हार्वर्ड ने अपने मुकदमे में कहा, "सरकार ने महज एक दस्तखत से हार्वर्ड के एक-चौथाई छात्र समुदाय को मिटाने की कोशिश की है। ये वे अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं, जो विश्वविद्यालय की पहचान और मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।"
ट्रंप प्रशासन की ओर से गुरुवार को लिए गए इस फैसले में हार्वर्ड पर यह आरोप लगाया गया है कि उसने “अमेरिका विरोधी और आतंकी समर्थक” तत्वों को परिसर में यहूदियों पर हमला करने की छूट दी।
इसके अलावा हार्वर्ड पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से तालमेल रखने का भी आरोप लगाया गया है और कहा गया कि 2024 तक विश्वविद्यालय ने एक चीनी अर्धसैन्य समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया।


