जिले में हरियाली मिशन को विभाग ही लगा रहा पलीता
छत्तीसगढ़ में रमन सरकार प्रत्येक जिले में हरियाली लाने के लिए पेड लगाने का अभियान जोर शोर से शुरू तो किया और इसमें अलग-अलग जिलों में लाखों पेड लगाने की खबरें भी अखबारों की सुर्खियां बनी

रायगढ़। छत्तीसगढ़ में रमन सरकार प्रत्येक जिले में हरियाली लाने के लिए पेड लगाने का अभियान जोर शोर से शुरू तो किया और इसमें अलग-अलग जिलों में लाखों पेड लगाने की खबरें भी अखबारों की सुर्खियां बनी पर हकीकत में पेड लगाने के बाद इस अभियान को कितनी सफलता मिली यह कोई नही जानता ,लेकिन रायगढ़ जिले में जगह-जगह लगाए गए पेड ठूंठ बन गए हैं, इतना ही नही कई जगह तो इस हरियाली अभियान की पूरी तरह पोल भी खुल गई है।
शहर के अलग-अलग इलाकों में हमारी टीम ने जब शहर के बीचो बीच स्थित नटवर स्कूल के आसपास लगे पेडों की स्थिति देखी तब इस बात का पता लगाया कि शहर में प्रदूषण दूर करने के नारे के साथ-साथ शहर को हरा भरा बनाने के लिए प्रशासनिक टीम का अभियान पूरी तरह असफल साबित हुआ। देख रेख के अभाव में लगाए गए पेड पूरी तरह सूख चुके है और यहां आसपास गंदगी का अंबार भी दिख रहा था।
यहां रोजाना खेलने वाले खिलाडी व निगम के सभापति भी पेड लगाने वालों को कोसते नजर आए उनका कहना था कि केवल पेड लगाने से अगर हरियाली आती तो निश्चय ही दिखती। पेड लगाने के बाद अधिकारी इनको सहेजना भूल गए और इसीलिए पेड लगाते ही न केवल मर गए है और कई जगह इनके चलते गंदगी ही गंदगी दिखाई दे रही है। इन लोगों का यह भी आरोप है कि केवल आकडो को पूरा करने के लिए ऐसे अभियान शुरू तो किए जाते है पर असफल होनें के बाद ऐसे ही इनकी पोल खुलती है।
पूरे मामले में निगम आयुक्त का अपना तर्क है वे कहते है कि इस शहर के फिल्टर प्लांट आईटीआई कैंपस की जगह कई जगह हरियाली अभियान को सफल बनाने के लिए पेड लगाए गए थे और वे खुद इस बात को स्वीकार कर रहें है कि इनमें से अधिकांश पेड जीवित नही है चूंकि बारिश के मौसम में पेड लगाए गए थे और देख रेख की अलग से व्यवस्था नही की गई थी। फिर भी उनका मानना है कि पेड बचे होंगें।


