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हरिप्रसाद ने एनडीए को दी नॉन परफार्मिग एसोसिएशन की संज्ञा

केंद्र सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देशभर में अपने कार्यो का जश्न मना रही है, तो वहीं कांग्रेस भी इन तीन वर्षो में सरकार की विफलताओं को लेकर जनता के बीच जा रही है

हरिप्रसाद ने एनडीए को दी नॉन परफार्मिग एसोसिएशन की संज्ञा
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रायपुर। केंद्र सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देशभर में अपने कार्यो का जश्न मना रही है, तो वहीं कांग्रेस भी इन तीन वर्षो में सरकार की विफलताओं को लेकर जनता के बीच जा रही है।

कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद ने केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को एनपीए यानी नॉन परफार्मिग एसोसिएशन की संज्ञा दी। रायपुर में एआईसीसी के बैनर तले प्रदेश कांग्रेस ने पत्रकारवार्ता कर केंद्र सरकार की विफलताओं को सामने रखा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद मोदी सरकार की विफलताओं पर जमकर बरसे।

हरिप्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "56 इंच का सीना और एक मीटर लंबी जीभ वाला आदमी सिर्फ जुबानी ही बोलता है। वाजपेयी सरकार के दौरान लालकृष्ण आडवाणी ने फीलगुड का नारा दिया और आज उसी को मोदी अच्छे दिन कह रहे हैं। इस सरकार के समय सिर्फ कार्पोरेट सेक्टर को फीलगुड लग रहा है।"

प्रदेश प्रभारी ने कहा, "मोदी यूपीए सरकार से 70 सालों का हिसाब मांगते थे और खुद तीन साल का हिसाब नहीं दे पा रहे हैं। मोदी के नेतृत्व में सरकार देश को पीछे ले गई है। यह एनडीए नहीं एनपीए है, यानी नॉन परफार्मिग एसोसिएशन। मोदी विकास की बात करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि विकास के लिए पूंजी लगानी पड़ती है और भाजपा सरकार आने के बाद से बैंकों की हालत खस्ताहाल है। यूपीए एक और दो में जो योजनाएं शुरू की गई थीं, वे भी आज ठप्प पड़ी है।"

हरिप्रसाद ने कहा, "जब मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे, तो कहते थे कि मोदी आएगा तो पाकिस्तान की हमला करने की हिम्मत नहीं होगी और आज सबसे ज्यादा हमले इस सरकार के दौरान हो रहे हैं। पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की बात करने वाले वहां चुपके से जाकर बर्थडे पार्टी मनाकर आते हैं। नोटबंदी के लिए तर्क दिया था कि आतंकवाद और नक्सलवाद में कमी आएगी, जबकि ये घटनाएं बढ़ी हैं।"

उन्होंने कहा, "कश्मीर के हालात इनसे संभल नहीं रहे हैं। मोदी ने देश के बेरोजगार युवकों को यह बोलकर लुभाया कि सरकार आने के बाद प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देगी। सरकार का यह दावा केवल जुबानी रह गया।"

उन्होंने नोटबंदी को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है, यह बात तमाम रिपोर्टे कह रही हैं। लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली इस बात को छिपाने और झुठलाने में लगे हैं। उनसे या रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल से जब पूछा जाता है कि जाली नोट कितने जब्त हुए, कहते हैं नहीं पता। कितने पुराने नोट जमा हुए, नहीं पता। कितने नए नोट आए, नहीं पता। कितना काला धन निकला, नहीं पता। ये लोग देश का क्या हाल करेंगे, नहीं पता।

अलगे साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने से पहले सभी गुटों के नेताओं को साधने की कोशिश, के जवाब में उन्होंने कहा, "हम सभी कांग्रेसी साथ थे और साथ रहेंगे। पार्टी का लोकतंत्र में विश्वास है, हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं पर कभी मनभेद नहीं रहा है।"


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