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हार्दिक का रूतबा टेंपररी, गुजरात चुनाव भूतकाल की बात बन कर रह जायेंगे: नितिन पटेल

गुजरात के उपमुख्यमंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ पाटीदार नेता नितिन पटेल ने आज दावा कियाकि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल का रूतबा अस्थायी

हार्दिक का रूतबा टेंपररी, गुजरात चुनाव भूतकाल की बात बन कर रह जायेंगे: नितिन पटेल
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गांधीनगर। गुजरात के उपमुख्यमंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ पाटीदार नेता नितिन पटेल पटेल ने आज दावा किया कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल का रूतबा अस्थायी (टेंपररी) है और गुजरात चुनाव के बाद वह भूतकाल की बात बन कर रह जायेंगे।

उन्होंने हार्दिक पर निजी स्वार्थ के लिए समुदाय में फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पाटीदार समुदाय के लिए कलंक की तरह हैं। उन्हे शक्तिशाली पाटीदार समुदाय को बांटने, आपस में लड़ाने और इसे धोखा देने के याद किया जायेगा।

हार्दिक की ओर से आज कांग्रेस के आरक्षण फार्मूले को स्वीकार करने की घोषणा के बाद अायोजित संवाददाता सम्मेलन में पटेल ने उन पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि 22 साल के हार्दिक को कानून का कोई ज्ञान भी नहीं है इसीलिए वह उच्चतम न्यायालय के नौ जजों की संविधान पीठ की ओर से इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार मामले में किसी भी हाल में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं देने की बात समझ नहीं पा रहे।

कांग्रेस के एजेंट के तौर पर समाज के समक्ष खुले पड़ गये हार्दिक रात के अंधेरे में कांग्रेस के साथ पैसे का लेन देन करते हैं और अब किसी अध्यात्मिक गुरू की तरह प्रवचन कर रहे हैं। वह सौदेबाजी के तहत कांग्रेस की दी हुई स्क्रिप्ट (लिखी हुई बात) को पढ़ रहे हैं। भाजपा ने पाटीदार आंदोलन के समाधान के लिए जो प्रयत्न किये उन्हें लॉलीपॉप बताने वाले हार्दिक को कांग्रेस की चाटी हुई लॉलीपॉप अधिक पसंद है। वह कांग्रेस के फार्मूले पर पाटीदार समाज की संस्थाओं के समर्थन की झूठी बात भी कर रहे हैं।

पटेल ने कहा कि हार्दिक को आरक्षण के बारे में तटस्थ वकीलों की सलाह लेनी चाहिए। उन्हें आरक्षण का फार्मूला देने वाले कपिल सिब्बल अथवा शक्तिसिंह गोहिल और अन्य वकीलों को 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की बात हलफनामे पर लिख कर देने को कहना चाहिए।

उन्होंने हार्दिक पटेल की कथित सेक्स सीडी का सीधा नाम लिये बिना कहा कि हार्दिक ने गौरवशाली समाज की इज्जत लेने का काम किया है। वह कांग्रेस के नेताओं का नाम ले सकते हैं पर उन्हें सरदार पटेल और भगत सिंह जैसे महान नेताओं का नाम लेने का हक नहीं। वह अगले ढाई साल तक राजनीति में नहीं आने की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि तब उनकी उम्र ऐसा करने की कानूनी उम्र सीमा 25 साल की हो जायेगी। पास की नेता गीत पटेल कांग्रेस के टिकट पर स्थानीय चुनाव लड़ कर हार चुकी हैं।

हार्दिक और उसके साथियों को कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए और पास कार्यालय में ताला लगा देना चाहिए नहीं तो जनता ही इस पर ताला लगा देगी।

उन्होंने कहा कि हार्दिक जैसे अनेक नेता महागुजरात तथा नवनिर्माण आंदोलन के समय उठे थे पर आज उनके पड़ोसियों तक को उनका पता नहीं। गुजरात चुनाव तो 18 दिसंबर (मतगणना का दिन) को समाप्त हो जायेगा पर हार्दिक ने जो जहर बोया है उसका असर समाज को लंबे समय तक भोगना पडेगा।

हार्दिक को उन्होंने जेल में रहते हुए मदद की थी और जेल से बाहर आने में भी मदद किया पर उनका ही अपमान किया गया और वह इसे समाज के लिए सह गये। हार्दिक को आने वाला समय माफ नहीं करेगा और उसे बाद में पछताना पड़ेगा। पटेल ने कहा कि हार्दिक ने आज से पास केे अन्य प्रवक्ताओं के बोलने पर रोक लगा कर केवल स्वयं ही बोलने की बात क्यों की।


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